नयी दिल्ली: आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए मोदी सरकार एक संशोधित यूएपीए बिल लेकर आई है। शुक्रवार को यह विधेयक राज्यसभा में भी पास हो गया है। चर्चा के दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने विधेयक में संशोधन का खूब विरोध किया। दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर आतंकवाद से समझौता करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा की आप मुझे ही आतंकी घोषित कर दो। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि, आपका गुस्सा जायज है, क्योंकि अभी-अभी चुनाव हारे हैं। लेकिन मैं भरोसा दिलाता हूं कि आप कुछ नहीं करोगे तो कुछ नहीं होगा।”
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, ”अगर विधेयक के संशोधन को देखें तो लगता है कि यह एनआईए को ताकतवर बनाएगा। लेकिन इसमें किसी व्यक्ति का नाम आतंकी की सूची में हटाने और जोड़ने का प्रावधान भी होना चाहिए।यूएपीए बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि अगर आप संशोधन के कारणों को देखेंगे तो इसमें कहा गया है कि यह राष्ट्रीय जांच एजेंसी को मजबूत करने के लिए है। आप (सरकार) कहते हैं कि इससे केंद्र को यह अधिकार मिल जाएंगे कि वह किसी भी व्यक्ति का नाम आतंकी के तौर पर जोड़ या हटा सकती है। यह प्रावधान ठीक नहीं है और हम इस संशोधन का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि वह UAPA यानी गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम ऐक्ट का विरोध नहीं कर रहे हैं।
गृह मंत्री ने कहा, ”इमरजेंसी के दौरान क्या हुआ था? मीडिया पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया और विपक्ष के सभी नेताओं को जेल में डाल दिया था। 19 महीने तक देश में लोकतंत्र को खत्म कर दिया गया और अब आप हम पर कानून के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं। कृपया अपना इतिहास भी देख लीजिए। जब हम विपक्ष में थे तो 2004, 2008 और 2013 में हमने यूपीए सरकार के यूएपीए बिल को समर्थन दिया था। क्योंकि हमें लगता था कि आतंकवाद से लड़ने के लिए यह जरूरी था।