गैरसैंण: वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने गुरुवार को प्रदेश के लिए गैरसैंण विधानसभा में वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया। यह कुल बजट 45,585 करोड़ है, जबकि पिछला बजट करीब 40 हजार करोड़ रुपए का था। यानि यह पिछले वर्ष से 14.08 फीसदी ज्यादा है। यह त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट है, जो गैंरसैंण विधानसभा सत्र में पेश किया गया।
बजट के मुख्य बिंदु:
- कुल बजट का 31.55 प्रतिशत खर्च वेतन भत्ते मजदूरी में होगा खर्च।
- कुल बजट का 10.67 प्रतिशत ब्याज में होगा खर्च।
- प्रदेश में ऑर्गेनिक हर्बल स्टेट के लिए 1500 करोड़ के बजट का प्रावधान।
- पर्यटन बढ़ावा के लिए होम स्टे योजना को 15 करोड़ रुपए।
- विधानसभा सचिवालय में विधानसभा स्थापना हेतु धनराशि की व्यवस्था।
- ग़ैरसैंण में अंतर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना हेतु धनराशि की व्यवस्था।
- मेट्रो रेल निर्माण के लिए 86 करोड़ का प्रावधान।
- कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए राष्ट्रीय क्रेच योजना के तहत 3 करोड़ 70 लाख का प्रावधान।
- आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम के लिए दुर्घटना बीमा योजना।
- भोजन माताओं को वर्दी उपलब्ध कराने के लिए तीन करोड़ रुपये की धनराशि
- राजकीय संस्कृत विद्यालय की स्थापना की जाएगी।
- ईवीएम एवं वीवीपैट के लिए बजट 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
- 250 से अधिक आबादी के गांवों में सड़क व 100 फीसद साक्षरता।
- ग़ैरसैंण में अंतर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना हेतु धनराशि की व्यवस्था।
- राज्य में मातृ एवं शिशु कुपोषण रोकने के लिए 10 करोड़ 25 लाख 42 हजार की धनराशि।
- बीपीएल परिवारों के मुखिया हेतु आम आदमी बीमा योजना में 11 करोड़ 37 लाख 15 हजार की व्यवस्था।
- किसानों के लिए दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 30 करोड़ की व्यवस्था।
- सौंग बांध परियोजना हेतु 40 करोड रुपए की व्यवस्था।
- नैनीताल झील के पुनर जी वितरण हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
- राज्य में उद्यमियों को निवेश के लिए डेस्टिनेशन उत्तराखंड के आयोजन हेतु 25 करोड़ रुपए की धनराशि की व्यवस्था।
- प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन रोकने के लिए ग्रोथ सेंटर की स्थापना , 15 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था।