नई दिल्ली: ऐतिहासिक भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के तकरीबन छह साल बाद सामाजिक कार्यकर्त्ता अन्ना हजारे ने अपनी तमाम मांगों को लेकर केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार को खबरदार किया है। मांगों को लेकर उन्होंने शुक्रवार से अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। वह रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं, जहां वह 2011 में भी बैठे थे।
इस महाआंदोलन की शुरुआत से पहले उन्होंने राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर बापू को नमन किया। इसके बाद अन्ना सीधे रामलीला मैदान पहुंचे और अपने हजारों समर्थकों की मौजदूगी में मंच पर सबसे पहले तिरंगा लहराया। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एवं कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त एन संतोष हेगड़े भी आंदोलन में शामिल होने रामलीला मैदान पहुंचे।
अन्ना से हड़ताल से पहले कहा कि मैंने सरकार को 42 बार पत्र लिखा, लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया और अंत में मुझे अनशन पर बैठना पड़ रहा है। हजारे कृषि पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के अलावा केन्द्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांग पर जोर दे रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार के नियंत्रण में जो भी आयोग है जैसे कृषि मूल्य आयोग, चुनाव आयोग, नीति आयोग या इस तरह के अन्य आयोग से सरकार का नियंत्रण हटना चाहिए और उसे संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए। साथ ही ऐसे किसान जिसके घर में किसान को कोई आय नहीं है, उसे 60 साल बाद 5,000 हजार रुपय पेंशन दी जाय। इसके आलावा संसद में किसान बिल को पास किया जाये, क्योंकि संविधान सभी को जीने का अधिकार देता है।