राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर अपनी ही बदहाली का रोना रो रहा है। हालात यह हैं कि पहले तो सभी विभागों ने नगर को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए। और फिर जब मंत्री जी की डांट लगी तो शहर के एमडीडीए ने इसकी जिम्मेदारी ली। लेकिन वह जिम्मेदारी भी कहीं हवा में ही लटकी रह गई।
हम आपको बता दें कि शहर का एकमात्र ट्रांसपोर्ट निगम और यहां के बाशिंदे थोड़ी सी बारिश में अपने घरों से नहीं निकल सकते। यहां हालात यह हैं कि सड़कों पर गढ्ढे हैं या गढ्ढों पर सड़क? समझ नहीं आता। आप उपर दी गई वीडियो में इस वाक्य को देख सकते हैं। फिर भी इस मामले पर एमडीडीए अचेत बैठा हुआ है।
हालांकि इस मामले पर जैसा कि हैलो उत्तराखंड कल ही अवगत करा चुका है कि एमडीडीए ने सड़कों को पुनरोद्धार के लिए जल्द ही कार्य शुरू करने की बात कही है लेकिन यह कार्य कब धरातल पर नजर आयेगा यह देखने वाली बात होगी।