ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर की दादागिरी से सिटी बस मालिक परेशान,

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देहरादून : प्रदेश मे सिटी बस मोटर मालिको ने ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर पर दादागिरी का  आरोप लगाया है । बस चालकों का आरोप है की पुलिस द्वारा लगातार उन्हे परेशान किया जा रहा है । उनका परमिट निर्वाचन आयोग के पास होने के बावजूद उनका जबरन चालान किया जा रहा है । पुलिस की मनमानी चल रही है ।

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 बस चालाक ने बताया की परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा सिटी बस को 2 तारीख को अधिग्रहण कर लिया था जिसमें उनके द्वारा रूट परमिट लिया गया और 9 तारीख को राजकीय इंटर कॉलेज सहसपुर सुबह 8:00 बजे बुलाया गया । 4 तारीख को ट्रेफिक इंस्पेक्टर द्वारा सिटी बस को रोका गया और उससे रूट परमिट मांगा गया लेकिन जब चालक द्वारा अधिग्रहण के कागज को दिखाया गया की यह रूट परमिट निर्वाचन आयोग द्वारा अधिग्रहण में ले लिया गया है लेकिन तब भी ट्रेफिक इंस्पेक्टर द्वारा ना मानते हुए ड्राइवर का डीएल ले लिया गया।

अब प्रश्न यह उठता है कि यदि वह जब तक अपना रूट परमिट नहीं दिखाएगा जब तक उसका डीएल नहीं छोड़ा जाएगा और यदि अपना डीएल छुड़ाता है तो उसे रूट परमिट के ₹5000 का भुगतान करना पड़ेगा जबकि रूट परमिट इलेक्शन के रिजल्ट के बाद ही परिवहन विभाग द्वारा जारी किया जाता है और मोटर मालिक ड्राइवर को बिना डी एल के गाड़ी चलाने को कैसे इजाजत दे सकता है यदि बस मालिक अपनी गाड़ी निर्वाचन में नहीं भेजेगा तो भी उसका परमिट कैंसिल हो सकता है तो बस मालिक पुलिस इंस्पेक्टर की दादागिरी से पशोपेश में है और इसका निवारण अब कौन करेगा ।

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