नई दिल्ली: आज का संसद सत्र बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है। केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ संसद में पहला अविश्वाश प्रस्ताव पेश किए जाने की तैयारी है। आगामी आम चुनाव से एक साल पहले मोदी सरकार की पहली बड़ी परीक्षा होने वाली है। एनडीए के सहयोगी दल बीजेपी से नाराज चल रहे हैं और अब वे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाले हैं। ये दल टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस हैं। ये दोनों दल आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने मुद्दे पर आज केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे।
इससे पहले शुक्रवार को ये दोनों पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहती थीं, लेकिन सदन में अव्यवस्था की स्थिति में अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया था। आपको बता दें कि इस समय लोकसभा में 539 सांसद हैं। बहुमत साबित करने के लिए मोदी सरकार को 270 सांसदों की जरूरत है। अकेले बीजेपी के पास 274 सांसद हैं। वहीँ टीडीपी के लोकसभा में 16 सदस्य हैं, जबकि वाईएसआर कांग्रेस के नौ सदस्य हैं। दोनों दल विपक्षी पार्टियों से अपने-अपने नोटिस के समर्थन के लिए लामबंद करने में जुटे हुए हैं। सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए किसी भी नोटिस को कम से कम 50 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है।
ऐसे में इस प्रस्ताव से वर्तमान मोदी सरकार को कोई खतरा तो नही है, लेकिन इससे विपक्षी पार्टियां एकजुट जरुर हो सकती हैं। जिसका प्रभाव आने वाले लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है। जिसका उदाहरण हाल ही के उपचुनाव में उत्तर प्रदेश की गोरखपुर सीट पर भाजपा के वर्षों पुराने किले को ढाने के रूप में दिखा था।