मुंबई: गहरे संकट में फंसी जेट एयरवेज को लेकर मंगलवार को हुई इमरजेंसी मीटिंग में इसे कर्ज देने वाले इस बात पर बंटे हुए थे कि इस 1000 करोड़ रुपये की अंतरिम फंडिंग बगैर किसी अतिरिक्त गारंटी के दी जाए या नहीं। इस बारे में कोई फैसला नहीं हो सका है। एयरलाइंस ने 400 करोड़े की इमरजेंसी फंडिंग की भी मांग की है, लेकिन ये भी नहीं मिला। फंडिंग नहीं हुई तो हो सकता है कि जेट एयरवेज हमेशा के लिए बंद हो जाए।
फंडिंग को लेकर जेट की परेशानियां जारी है। दूसरी ओर जेट के 16 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को जनवरी से वेतन नहीं मिला है। दरअसल जेट एयरवेज की बिडिंग के लिए नरेश गोयल के कंसोर्टियम ने भी अप्लाई किया था, लेकिन नई फंडिंग के लिए आगे आने वाली कंपनियों ने नाराजगी में अपने हाथ खींचने की धमकी दे दी। दूसरी ओर, जेट के मौजूदा सीईओ विनय दुबे 400 करोड़ की इमरजेंसी फंडिंग के लिए एसबीआई पहुंचे थे। लेकिन, जेट को 400 रुपये की इमरजेंसी फंडिंग मिल पाएगी या नहीं यह भी तय नहीं है। इससे जेट के पूरी तरह बंद होने की आशंका गहराने लगी है।
कंपनी ने सोमवार को बोर्ड की बैठक बुलाई थी, जिसमें वित्तीय संकट से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। कंपनी से जुड़े सूत्रों की मानें तो अभी तक कर्जदाताओं की तरफ से कंपनी को अंतरिम वित्तीय राहत नहीं मिली है। सोमवार को हुई बोर्ड की बैठक के बाद कंपनी के सीईओ विनय दुबे ने कर्मचारियों को एक ईमेल भेजा था, जिसमें बताया गया कि बैंक इमरजेंसी फंडिंग पर अब तक फैसला नहीं कर सके हैं। बैठक के बाद बोर्ड ने ऑपरेशन को रोकने की सलाह दी। इसके बाद मंगलवार को भी कंपनी बोर्ड की मीटिंग हुई। इस बैठक में भी एयरलाइंस को कर्ज देने वाले बंटे हुए थे।
संकटग्रस्त जेट एयरवेज के कर्मचारियों की निराशा चरम पर पहुंच चुकी है, क्योंकि कंपनी बंद होने के करीब पहुंच चुकी है। अभी तक कर्जदाताओं की तरफ से कंपनी को अंतरिम वित्तीय राहत नहीं मिली है और कर्मचारियों सभी उम्मीदें धूमिल हो चुकी हैं और वे कठिन परिस्थितियों के लिए तैयार हो चुके हैं। कंपनी के एक इंजीनियर ने अपना दैनिक खर्च चलाने के लिए एलआईसी पॉलिसी गिरवी रखकर कर्ज लिया है। उन्होंने बताया, कि हम अपने बकाए को पाने के लिए श्रम आयुक्त का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं। एयरलाइन के सूत्रों ने बताया कि जेट एयरवेज के सैंकड़ों पायलट अगले कुछ दिनों में कंपनी छोड़ कर जाने वाले हैं, क्योंकि उन्हें कंपनी के आगे चलने का कोई भरोसा नहीं है। इंजीनियर ने बताया कि जेट एयरवेज का शेयर काफी गिर चुका है। यह संकेत है कि एयरलाइन के लिए कुछ बचा नहीं है और वह अपना ऑपरेशन बंद करने जा रही है।