मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में इलाहबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने के बाद देशभर के कई इलाकों और शहरों के नाम बदलने की मांग उठ रही है। हाल ही में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया तो फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया। लेकिन नामों के बदलने की मांग यहीं तक सीमित नहीं है। अब बीजेपी विधायक संगीत सोम ने मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर की मांग की है। मुजफ्फरनगर नाम एक नवाब मुजफ्फर अली ने किया था। लोगों की सदियों से मांग है कि इसका नाम लक्ष्मीनगर किया जाए।
उन्होंने आगे कहा, “मुगलों ने यहां की संस्कृति को मिटाने का काम किया है। खासतौर से हिंदुत्व को मिटाने का काम किया है। हम लोग उस संस्कृति को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। बीजेपी उसपे आगे बढ़ेगी।” इससे पहले बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने शिवसेना ने औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने की मांग की। बता दें कि, इससे पहले गुजरात के अहमदाबाद शहर का नाम बदले जाने की बात आई थी। माना जा रहा है कि गुजरात सरकार अहमदाबाद का नाम कर्णावती रखने पर विचार कर रही है।
दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव की आहट के साथ ही विकास का मुद्दा दरकिनार होकर भावनाओं की तरफ मुड़ने लगा है। शिवसेना नेता संजय राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सवाल पूछा है क्या उत्तर प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदला जाएगा? इसके पीछे शिवसेना ने तर्क दिया है कि यह उनकी सबसे पुरानी मांग है और जिस तरीके से दूसरे राज्यों में शहरों के नाम बदले जा रहे हैं, वैसे ही महाराष्ट्र में भी औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदला जाना चाहिए।
वहीं, विपक्षी पार्टियों ने नाम बदलने के मुद्दे पर शिवसेना और बीजेपी दोनों को आड़े हाथों लिया है। सपा नेता अबू आसिम आजमी ने कहा है कि शिवसेना और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। शहरों के नाम बदलने की बजाए अगर बीजेपी सरकार काम पर ध्यान देती तो आज महाराष्ट्र में जिस तरीके की हालात पैदा हुए हैं वैसे नहीं होते।