नई दिल्ली : लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की तलाक की जिद का असर अब उनकी पार्टी आरजेडी और छोटे भाई तेजस्वी यादव की सियासी गतिविधियों पर भी दिखने लगा है। तेजप्रताप यादव जहां महागठबंधन को लेकर कोई रणनीति नहीं बना पा आ रहे हैं तो वहीं ऐश्वर्या के परिवार ने भी अब लालू प्रसाद यादव के परिवार से दूरी बनानी शुरू कर दी है। कोर्ट में तेजप्रताप यादव की तलाक अर्जी का जवाब देने की तैयारी कर चुके ऐश्वर्या के पिता और आरजेडी विधायक चंद्रिका राय सोमवार को पार्टी की एक अहम बैठक में नहीं पहुंचे। इस बैठक की अध्यक्षता तेजस्वी यादव ने की थी।
सोमवार से बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई। सत्र के पहले दिन की कार्यवाही के बाद आगामी रणनीति तय करने के लिए शाम को तेजस्वी यादव ने अपने आवास पर आरजेडी विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में ऐश्वर्या राय के पिता चंद्रिका राय नहीं पहुंचे। चंद्रिका राय आरजेडी के विधायक हैं और उनकी गिनती पार्टी के दिग्गज नेताओं में होती है, इसलिए बैठक में उनकी अनुपस्थिति को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। बैठक खत्म होने तक उनका इंतजार होता रहा। हालांकि चंद्रिका राय विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुए थे, लेकिन बैठक में शामिल नहीं हुए।
आपको बता दें कि तेजप्रताप यादव के तलाक लेने की जिद को देखते हुए अब ऐश्वर्या राय के परिवार ने भी कोर्ट में जवाब देने की तैयारी कर ली है। ऐश्वर्या के पिता चंद्रिका राय ने शनिवार को पटना के फैमिली कोर्ट से तेजप्रताप यादव की तलाक की अर्जी की सत्यापित कॉपी निकलवाई। खबर है कि उनके वकील तेजप्रताप यादव के ऐश्वर्या पर लगाए गए आरोपों का जवाब तैयार करने में जुटे हैं। तेजप्रताप की तलाक अर्जी पर 29 नवंबर यानी गुरूवार को सुनवाई होगी। इससे पहले ऐश्वर्या की मां भी तेजप्रताप यादव की मां राबड़ी देवी से मिलने पहुंची थीं, लेकिन मामले का कोई हल निकलता हुआ नजर नहीं आया।
तेजप्रताप यादव के तलाक की अर्जी के बाद इस विवाद से तेजस्वी यादव भी खासे परेशान नजर आ रहे हैं। दरअसल, तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय बिहार के एक बड़ी सियासी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके दादा बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और पिता बिहार सरकार में मंत्री। वर्तमान में भी ऐश्वर्या के पिता आरजेडी के विधायक हैं। बीच में यह खबर भी आई थी ऐश्वर्या को लोकसभा का चुनाव लड़वाया जाएगा। तेजस्वी यादव की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि अगर तेजप्रताप यादव के तलाक का मामला ना सुलझा, तो पार्टी में बिखराव हो सकता है। परिवार में चल रहे विवाद का असर कहीं ना कहीं पार्टी पर पड़ना तय है। तेजस्वी यादव इस बात को बखूबी जानते हैं कि तलाक के मामले को लेकर विपक्ष भी उन्हें पर्दे के पीछे से घेरने की कोशिश करेगा और इसका असर 2019 के चुनावों में पड़ सकता है।