बड़कोट: बरसात में यमुनोत्री धाम में बाढ़ से भारी नुकसान पंहुचा था। तब से ही यमुनोत्री धाम में पुनर्निर्माण की मांग चल रही थी, लेकिन कपाट बन्द होने के बाद भी कोई प्लान तैयार नहीं हुआ। पूरे मामले को लेकर तीर्थ पुरोहित खासे गुस्से में हैं। पुरोहितों को कहना है कि, अगर जल्द कोई ठोस प्लान केदारनाथ पुनर्निर्माण जैसा तैयार नहीं किया गया, तो अगले सीजन में यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोले जायेंगे। साथ ही यमुनोत्री धाम को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों से तीर्थ पुरोहितों ने कड़ी आपत्ति जताई है।
हालांकि पुरोहितों की सीजन में कपाट नहीं खोलने की चेतावनी के बाद केंद्र सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं, जिससे तीर्थ पुरोहित कुछ शांत तो नजर आ रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि, जब तक काम नहीं होता कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। पुरोहितों का कहना है कि, यमुनोत्री को लेकर मास्टर प्लान तैयार किए जाने की जरूरत है। यहां हर साल सारी व्यवस्थाएं जिला परिषद के हाल पर छोड़ दी जाती हैं। धाम में नुकसान हुआ, लेकिन किसी ने जहमत नहीं उठाई।
उनका कहना है कि, सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट के जरिये पूर्व निम प्रचार्य कर्नल कोठियाल के सहयोग से जिंदल ग्रुप यमुनोत्री धाम के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जानें की भ्रामक जानकारियां दी जा रही हैं। लेकिन इस संबंध में ना तो मंदिर समिति को कोई जानकारी है और ना किसी ने इस संबंध में उनसे संपर्क किया है। फिलहाल पुरोहित केंद्र सरकार की इस योजना के तहत तैयार हो रहे मास्टर प्लान से संतुष्ट आ रहे हैं। पुरोहितों ने उम्मीद जताई है कि, केंद्र सरकार मास्टर प्लान तैयार कर जल्द काम शुरू करेगी। अगर ऐसा नहीं होता है, तो उनकी जो चेतावनी कपाट नहीं खोलने की है। सभी उस पर कायम हैं। ऐसे में सरकार की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।