देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि प्रदेश में भले ही इमानदार मुख्यमंत्री की हो, लेकिन मुख्यमंत्री को जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष ने कई बार कठघरे में खड़ा किया है। अब एक बार फिर जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भ्रष्ट और माफिया मुख्मंत्री कहा है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए रघुनाथ सिंह नगी ने कहा कि प्रदेश के अनुभहीन, भ्रष्ट और माफिया मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जब से कार्यभार संभाला है, तब से आज तक प्रदेश के कर्मचारियों को वेतन के लिए जोर लगाना पड़ रहा है। उनको आरोप है कि कुछ विभागों और निगमों में कर्मचारियों को कई-कई महीने तक वेतन नहीं मिल पा रहा है। जो कि वेतन पर ही निर्भर हैं, उनके सामने दो वक्त की रोटी का संकट पैदा हो गया है।
नेगी ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि त्रिवेंद्र सरकार ने अपने 21 महीने के कार्यकाल में लगभग 12 हजार करोड़ का बाजार ऋण लगभग 8.5 फीसदी की ब्याज दर पर लिया है। इतना कर्ज लेने के बावजूद कर्मचारियों के वेतन के लाले पड़ना और कोई विकास धरातल पर न दिखना, निश्चित तौर पर प्रदेश को गर्त में धकेलने का काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश कर्ज के सहारे चल रहा है। जो राजस्व सरकारी खजाने में आना चाहिए था, वो सीधा सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की जेब में जा रहा है। नेगी कई गंभीर आरोप लगाने के बाद भी नहीं रुके। उन्होंने कहा कि काली कमाई से त्रिवेंद्र अपनी कुर्सी बचाने का काम कर रहे हैं। सरकार हर मोर्चे पर फेल रही है।