नई दिल्ली: TikTok ऐप को बैन करने का मामला हाईकोर्ट से अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। मद्रास हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया वीडियो क्रिएटर ऐप TikTok पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट में मद्रास हाई कोर्ट के इस आदेश को लेकर एक अपील दायर की गई। इसी अपील पर अब सुप्रीम कोर्ट 15 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
मद्रास हाईकोर्ट द्वारा TikTok ऐप को बैन करने के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा ता कि इस पर गौर किया जाएगा। मंगलवार को इस फैसले की सुनवाई की तारीख दे दी गई थी। बता दें, मद्रास हाईकोर्ट ने अपने एक अंतरिम आदेश में केन्द्र सरकार से इस शॉर्ट वीडियो मेकिंग ऐप TikTok को बैन करने की सलाह दी थी। इतना ही नहीं, मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने मीडिया हाउस को TikTok ऐप द्वारा बनाए गए फनी और अन्य तरह के वीडियोज को टेलीकास्ट करने से भी रोका था।
मद्रास हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को इस चीनी ऐप को बैन करने के पीछे एक बड़ा तर्क दिया है। हाईकोर्ट ने कहा था कि ये चीनी ऐप भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बढ़ावा दे रहा है। मद्रास हाईकोर्ट के जज जस्टिस एन किरूबाकरण और एसएस सुंदर ने केन्द्र सरकार से 16 अप्रैल से पहले जबाब मांगा है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में केन्द्र सरकार से ये भी जवाब मांगा है कि क्या केन्द्र सरकार अमेरिका की तरह चाइल्ड ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट की तरह ही कोई नीति ला सकती है जो बच्चों को ऑनलाइन विक्टिम बनने से रोक सके?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि TikTok ऐप के इस समय भारत में 54 मिलियन यानी 5.4 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर्स हैं, जो कि एक बड़ा सवाल है। मद्रास हाईकोर्ट ने TikTok ऐप के विरोध में एक याचिका की सुनवाई करते हुए इस ऐप को बैन करने का आदेश दिया है। मदुरै के वरिष्ठ अधिवक्ता और समाजिक कार्यकर्ता मूथू कुमार ने कल्चरल डिग्रेडेशन, चाइल्ड अब्यूज और सुसाइड को बढ़ावा देने के लिए TikTok ऐप के विरोध में याचिका दायर की थी।