रुद्रप्रयाग: विकासखण्ड जखोली का अंतिम गांव पानी की हर एक बूंद को मोहताज है। अलकनन्दा नदी के किनारे बसे होने के बावजूद भी पपडासू गांव में ना तो पीने का पानी है और ना ही सिंचाई के लिए। ऐसे में ग्रामीण विकास की क्या अवधारणा है यह साफ पता चलती है पपडासू गांव से। गम्भीर पेयजल समस्या से जूझ रहे गांव का बुधवार को जिलाधिकारी ने भ्रमण किया और ग्रामीणों की समस्याएं सुनी। बद्रीनाथ-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे इस गांव में प्रक्रिति ने तो सब कुछ दिया है मगर कुछ नहीं है तो वह है पानी। लम्बे समय बाद भी प्रशासनिक इकाइयां इस गांव को पानी पिलाने में अभी तक समर्थ नहीं दिख रही है। क्षेत्र श्रीनगर जल विद्युत केचमेंट एरिया के अन्तर्गत आता है और यहां पर सीआरएस के तहत कई कार्य गांव में किये जाने थे मगर जो कार्य अतिआवश्यक थे वह कम्पनी द्वारा किये ही नहीं गये। जिसका कारण यह है कि यहां नल एक-एक बूंद पानी को तरस रहे हैं तो सिंचाई गूलें पानी के अभाव में अब रास्तों का रुप ले चुकी हैं। ऐसे में क्षेत्र पूरी तरह से पानी विहीन बना हुआ है। जिलाधिकारी ने गांव का दौरा कर ग्रामीणों से वार्ता की और गांव की सीआरएस व्यवस्थाओं को देख रही जीवीके कम्पनी को हिदायत देते हुए कहा कि अगले एक सप्ताह में गांव में पेयजल आपूर्ति बाहल नहीं हुई तो कम्पनी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर दी जायेगी। साथ ही डीएम ने सिंचाई विभाग को भी शीघ्र ही सिंचाई नहरों को खोलने व उनपर पानी शुरु करवाने के निर्देश दिये। डीएम का कहना है कि गांव के विकास को लेकर सभी विभागों की एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गयी है जिससे गांव का विकास हो सके व पलायन पर रोक लग सके।