खबर का असर: बैकफुट पर जीएमवीएन, वेवसाइट से हटायी कंपनी विशेष की जानकारी

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देहरादून: चारधाम यात्रा को लेकर सरकार के बड़बड़झाले सामने आ रहे हैं। युकाडा टेंडर की शर्तों को लगातार बदलता आ रहा है। इधर, जीएमवीएन की वेवसाइट पर बगैर टेंडर के ही एक निजी कंपनी से टिकट खरीदने को लेकर प्रमोट करने का मामला सामने आया था। इस मामले को लेकर हैलो उत्तराखंड न्यूज ने खबर प्रकाशित की। जिसके बाद जीएमवीएन ने निजी कंपनी के विज्ञापन को अपनी वेवसाइट से यह कहते हुए हटा दिया कि वह जानकारी गत वर्ष की थी और गलती से फ्लैश हो गई है। सवाल यह उठता है की केदारनाथ हेली सेवा को लेकर या तो सरकार गंभीर नहीं है, या फिर जानबूझकर चुप है। जहां तक जीएमवीएन का सवाल है उसमें दो बातें हो सकती हैं, पहली यह की जीएमवीएन के अधिकारीयों से निजी कम्पनी को प्रमोट करने के लिए कहा गया हो, या फिर जीएमवीएन के अधिकारी भी इसमें शामिल हैं ?एक और बड़ा सवाल यह भी है की कैसे किसी निजी कम्पनी का प्रचार सरकारी वेवसाइट कर सकती है ?खबर का असर: बैकफुट पर जीएमवीएन, वेवसाइट से हटायी कंपनी विशेष की जानकारी 2 Hello Uttarakhand News »

हेली सेवा संचालन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा टिकटों की बुकिंग का है। इसको लेकर युकाडा ने अब तक टेंडर ही जारी नहीं किए हैं। जबकि यात्रा में केवल एक सप्ताह बचा है। जीएमवीएन को टिकट बिक्री का जिम्मा दिए जाने की बातें जरूर सामने आई। हालांकि उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ, लेकिन जीएमवीएन ने बिना टेंडर के ही एक कंपनी विशेष को कंपनी के नाम और नंबर समेत प्रमोट करना शुरू कर दिया था। मामले को लेकर जब हैलो उत्तराखंड न्यूज ने खबर चलाई। उसके बाद जीएमवीएन हरकत में आया और कंपनी विशेश के विज्ञापन और उससे जुड़ी जानकारी को वेवसाइट से हटा दिया।

हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए जीएमवीएन की निदेशक ज्योति खैरवाल ने बताया कि सूचना पिछले साल की थी। वह गलती से वेवसाइट पर फ्लैश हो गई थी। उसे अब हटा दिया गया है। उन्हांने कहा कि टिकट बिक्री को लेकर अभी कोई साफ दिशा निर्देश नहीं मिले हैं।

यह भी पढ़ें और देखें...जीएमवीएन कंपनी विशेष को कर रहा प्रमोट!

http://www.hellouttarakhandnews.com/gmvn-promoting-company-special/

चारधाम यात्रा में कुछ ही समय बचा है, लेकिन सरकार अब तक इसको लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है। खासकर हेली सेवाओं के संचालन का मसला अभी हल होता नजर नहीं हा रहा है। कभी युकाडा टेंडर की शर्तें बदल रहा है, तो कभी जीएमवीएन एक निजी कंपनी को टिकट खरीदने के लिए प्रमोट कर रहा है। इससे एक बात तो साफ है कि सरकार या तो जानबूझ कर चुप है। या फिर हेली सेवा संचालन को लेकर जो भी हो रहा है। वह सब सरकार की मिलीभगत से चल रहा है। नागरिक उड्डयन विभाग के सचिव खुलेआम इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम दे रहे हैं। मुख्यमंत्री से लेकर कई अन्य मंत्रियों को इस पूरे खेल की जानकारी है। बावजूद इसके सरकार चुप्पी साधी हुई है।

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