सरकार ने भी नहीं सुनी मजबूर माँ की पुकार !

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देहरादून : राजधानी दून के एक निजी अस्पताल लूथरा नर्सिंग होम पर इलाज में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। महिला ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाए है कि उसकी बेटी के इलाज में लापरवाही बरती गयी है। महिला मामले की शिकायत सूबे के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार में भी पहुंचा चुकी है। लेकिन महिला का कहना है कि 8 महीने बीत जाने के बाद भी अस्पताल के खिलाफ कोई कारवाही नहीं हुई है।

सरकार ने भी नहीं सुनी मजबूर माँ की पुकार ! 2 Hello Uttarakhand News »दरअसल पीड़ित कुमकुम पत्नी दुष्यंत कुमार सैनिक कॉलोनी कोलागढ़ देहरादून की रहने वाली हैं। जब कुमकुम गर्भअवस्था में थी तो उस दौरान चिकित्सीय परामर्श व इलाज डॉ अर्चना लूथरा की देखरेख में किया जा रहा था। 14 नवंबर 2016 को डॉ अर्चना लूथरा ने ट्रिपल टेस्ट करवाने के लिए कुमकुम को कहा था।  22 अप्रैल 2017 को कुमकुम की डाउन सिण्ड्रोम ग्रसित पुत्री का जन्म हुआ। जो कि एक लाइलाज बीमारी है। बस यहीं से एक मां ने अपनी बेटी की परवरिश के साथ-साथ  डॉक्टर अर्चना लूथरा को सबक सिखाने बेड़ा उठाया। देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इसकी शिकायत की गई,  जांच बैठी और जांच रिपोर्ट में अर्चना लूथरा को दोषी पाया गया।सरकार ने भी नहीं सुनी मजबूर माँ की पुकार ! 3 Hello Uttarakhand News »

कुमकुम और उसका पूरा परिवार सीएम तक मामले को पहुंचा चुका है, हर बार बीजेपी कार्यालय में लगने वाले जनता दरबार में भी मंत्रियों के आगे फरियाद लगा चुका है कि हमें इंसाफ चाहिए। आलम यह है कि महिला पीएम मोदी को भी पत्र भेज चुकी है। लम्बे समय के बाद भी कोई कारवाही न होने के बाद तंग आकर कुमकुम अब बीजेपी कार्यालय के बाहर अपने ससुर के साथ धरने पर बैठ गई है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या डाॅक्टर अर्चना लूथरा पर कोई कारवाही नहीं होगी। वहीँ देर शाम जब मंत्री सुबोध उनियाल की मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार से बात हुई और उन्होंने जांच रिपोर्ट काउंसिल को सौंपने की बात बताई। रिपोर्ट में डा. अर्चना लूथरा को निर्दोष बताया गया है।

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