उत्तरकाशी: सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रत्येक विकासखंड स्तर पर मॉडल स्कूल की मुहिम तो शुरू की है लेकिन विकासखंड मोरी का आदर्श विद्यालय इस पर खरा नहीं उतर पाया है। जिस कारण यहां के बच्चों को जर्जर विद्यालय भवन में शिक्षा लेनी पड़ रही है।
मामला विकासखंड मुख्यालय मोरी में स्थित राजकीय आदर्श इंटर कॉलेज का है जिसको शिक्षा विभाग ने आदर्श विद्यालय का नाम तो दे दिया लेकिन उसके बाद भी विद्यालय के पास न तो अपना भवन है और ना ही विद्यालय में छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए पूरे शिक्षक।
विद्यालय वर्तमान समय में जिस जूनियर हाई स्कूल के भवन में संचालित हो रहा है वह पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त है। वहीं विद्यालय में शौचालय की व्यवस्था तक नहीं है। जबकि विद्यालय भवन की छत पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो रखी है। क्षेत्र में जब भी बारिश होती है, तो शिक्षकों को विद्यालय की छुट्टी करनी पड़ती है जबकि आदर्श विद्यालय में रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान आदि विषयों को पढानें के लिए शिक्षक ही नहीं हैं।
वहीँ विनोद वर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी (मोरी) का कहना है कि विद्यालय में भवन निर्माण तथा शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही विभागी की ओर से नहीं की गई ना ही भवन के लिए कोई धनराशि अवमुक्त हो पाई जिस कारण इस प्रकार की समस्या बनी हुई है।
अब ऐसे में हमारा आने वाला भविष्य कैसा होगा, इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है। लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि स्थिति जानते हुए भी हम और हमारी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। सरकार और हमें आस जगी थी कि मॉडल स्कूल की मुहिम से स्तिथि में सुधार आएगा लेकिन यह आंकलन भी नाकाम साबित होता दिख रहा है।