टिहरी: प्रदेश में मंगलवार को हुए टिहरी हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि जिस समय दुर्घटना हुई उस समय चालक अपने बेटे को गाड़ी चलाना सिखा रहा था। इसी दौरान हादसा हो गया। जिसमें नौ बच्चों की मौत हो गई। जबकि, चालक और उसका बेटा बच गए। इतना ही नहीं मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है जिस स्कूल में बच्चे पढ़ते थे, वह बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था। जिसके चलते उपशिक्षाधिकारी सहित चार अधिकारियों को सस्पेंड़ कर दिया गया है। घायल बच्चों की हालात नाजुक बनी हुई है।
बता दें कि एंजेल इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में यह बच्चे पड़ते थे। वह बिना मान्यता के ही चल रहा था। ग्रामीणों ने उप शिक्षा अधिकारी धनवीर सिंह पर पैसा उगाही और बदतमीजी करने के आरोप लगाए थे। जिसपर कार्यवाही करते हुए टिहरी के ज़िलाधिकारी ने उप खण्ड शिक्षा अधिकारी को सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा एआरटीओ निखिलेश ओझा को भी निलंबित कर दिया गया है और दो पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिरी है।10 सीटर स्कूल वैन में 20 से अधिक बच्चों सहित 22 लोग सवार थे। एसएसपी का कहना है कि सभी थाना और चौकी प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार वाहनों की चेकिंग करने को कहा गया था। लेकिन पीपलडाली चौकी प्रभारी ने निर्देशों का पालन नहीं किया।
एसएसपी ने बताया कि वाहन दुर्घटना में मृत स्कूल बच्चे इशान के पिता दर्मियान ने वाहन चालक लक्ष्मण रतूड़ी और उसके पिता प्रेमदत्त रतूड़ी निवासी रिंडोल जाखणीधार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। घटना के बाद फरार चल रहे वाहन चालक लक्ष्मण रतूड़ी को पुलिस ने पिलखी से गिरफ्तार कर लिया है। वाहन चालक के पास कॉमर्शियल लाइसेंस नहीं था। उसका अपना निजी लाइसेंस है। फरार चल रहे प्रेमदत्त रतूड़ी की खोजबीन के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सीओ टिहरी को मामले की जांच सौंपी गई है।
मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि समय-समय पर विभागीय बैठकों में सभी एआरटीओ को वाहनों में ओवर लोडिंग रोकने के लिए चेकिंग चलाने को कहा जाता है। खास तौर पर स्कूल में संचालित होने वाले वाहनों की चेकिंग करने का एआरटीओ को स्पष्ट दिशा-निर्देश भी है। प्रतापनगर में जो स्कूल वैन चल रही थी उसमें क्षमता से दो गुना बच्चे स्कूल जा रहे थे। क्या कभी एआरटीओ ने क्षेत्र में जाकर चेकिंग नहीं की। यदि वे चेकिंग करते तो शायद इनती बड़ी लापरवाही सामने नहीं आती।