नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर ने पार्टी छोड़ दी है। साथ ही उन्होंने लोकसभा के सांसद पद से भी इस्तीफा दे दिया है। अनवर ने 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस से बगावत कर शरद पवार के साथ एनसीपी बनाई थी। तारिक अनवर के पार्टी छोड़ने के बाद शरद पवार को बड़ा झटका लगा है साथ ही कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं। राफेल डील को लेकर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव किया, उसके बाद शरद पवार के बयान को लेकर तारिक अनवर काफी नाराज थे। उनका कहना है कि राफेल डील के मुद्दे पर एक तरफ विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार को घेर रहा है, तो वहीं एनसीपी अध्यक्ष ने बयान देकर प्रधानमंत्री को क्लीन चीट देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, “जब राफेल मामले में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ विपक्ष आवाज उठा रहा है तो पवार साहब (राकांपा प्रमुख) प्रधानमंत्री का बचाव करने वाला बयान दे रहे हैं। ऐसे में मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया।” अनवर ने कहा, “मैंने लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।”
बता दें कि गुरुवार को राफेल मामले पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के मोदी सरकार का समर्थन करने की खबर आई थी, जिस पर बाद में एनसीपी ने सफाई देते हुए कहा था कि ऐसी कोई बात नहीं कही गई है।
1999 में कांग्रेस की कमान जब सोनिया गांधी ने संभाली तो शरद पवार, तारिक अनवर और पीए संगमा ने पार्टी से बगवात कर दी थी। इन तीनों नेताओं ने सोनिया गांधी के विदेश मूल को मुद्दा बनाया था। इसके बाद तीनों नेताओं ने मिलकर एनसीपी का गठन किया था। हालांकि, बाद में यूपीए की जब केंद्र में सरकार बनी को एनसीपी कांग्रेस के साथ आ गई थी।