नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड के बैंकों में कालाधन रखने वाले 50 भारतीय कारोबारियों के नाम उजागर किए हैं। जिसपर कार्यवाही करते हुए स्विस अधिकारियों ने खाताधारकों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भी भेजा है। इनमें ज्यादातर कोलकाता, मुंबई, गुजरात और बेंगलुरु के हैं।
बता दें कि स्विट्जरलैंड के बैंकों में अघोषित खाते रखने वाले भारतीयों के खिलाफ दोनों देशों की सरकारों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है स्विट्जरलैंड के अधिकारी इस सिलसिले में कम से कम 50 भारतीय लोगों की बैंक संबंधी सूचनाएं भारतीय अधिकारियों को सौंपने की प्रक्रिया में लगे हैं। ऐसे लोगों में ज्यादातर जमीन-जायदाद , वित्तीय सेवा, प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, पेंट, घरेलू साज-सज्जा, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के कारोबार से जुड़े कारोबारी और कंपनियां शामिल हैं। इनमें से कुछ डमी कंपनियां भी हो सकती हैं।स्विस सरकार ने फेडरल गजट में कृष्ण भगवान रामचंद्र, पोतलुरी राजामोहन राव, कल्पेश हर्षद, कुलदीप धींगड़ा, भास्करन नलिनि, ललिताबेन चिमनभाई, संजय डालमिया, पंकज कुमार साराओगी, अनिल भारद्वाज, थरानी रेनू टीकमदास, महेश टीकमदास थरानी, सवानी विजय कन्हैयालाल, भास्करन थरूर, कल्पेश भाई पटेल, अजोय कुमार, दिनेश कुमार, रतन सिंह चौधरी और कठोतिया राकेश कुमार के नाम शामिल हैं।
पिछले कुछ सप्ताह के दौरान भारत से संबंधित मामलों में सूचनाओं के आदान प्रदान की प्रक्रिया में अधिक तेजी आयी है. भारत में कालेधन का मामला राजनीतिक तौर पर संवेदनशील है. स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने मार्च से अब तक कम से कम 50 भारतीय खाताधारकों को नोटिस जारी कर उनकी सूचना भारत सरकार को देने से पहले उन्हें उसके खिलाफ अपील का एक अंतिम मौका दिया है।