हिसार: हरियाणा की हिसार अदालत ने हत्या के दो मामलों में स्वयंभू संत रामपाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इससे पहले कोर्ट 11 अक्टूबर को उसे दोषी ठहरा दिया था। रामपाल नवंबर 2014 से जेल में बंद है। रामपाल के साथ 15 दोषियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई। सुरक्षा को देखते हुए कोर्ट ने जेल में ही सजा सुनाई।
रामपाल के खिलाफ दो मामले छह लोगों की हत्या से जुड़े हैं। इस मामले में हिसार जिले के बरवाला शहर के समीप उसके सतलोक आश्रम में पुलिस व उसके समर्थकों के बीच हिंसक झड़प में छह लोग मारे गए थे। 11 अक्टूबर को रामपाल को 2 मामलों में दोषी ठहराया गया था। दूसरे मामले में सजा 17 अक्टूबर को सुनाई जाएगी।
एफआईआर नंबर 429 के मुताबिक नवंबर 2014 में बरवाला के सतलोक आश्रम में रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान वह और उसके 15 समर्थकों पर चार महिलाओं और एक बच्चे की हत्या करने का आरोप है। एफआईआर नंबर 430 के मुताबिक रामपाल और उसके 13 समर्थकों पर नवंबर 2014 में बरवाला के सतलोक आश्रम में रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान आश्रम के भीतर एक महिला की हत्या का आरोप है। एफआईआर नंबर 430 पर सजा कल सुनाई जाएगी।
इससे पहले, हिसार अदालत ने अगस्त 2017 में रामपाल को लोगों को बंधक बनाने, गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा होने, लोकसेवक के आदेश की अवहेलना करने के दो मामलों में बरी कर दिया था। रामपाल पर फैसले को लेकर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। 17 अक्टूबर तक इलाके में धारा 144 लागू रहेगी और सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।