रुद्रप्रयाग: स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल में कवायद शुरू की गई है। चिकित्सालय में अभी भी महत्वपूर्ण फिजीशियन का पद रिक्त चल रहा है, तो नर्सिंग स्टाफ की पूर्ति करने को लेकर प्रशासन अब यहां संविदा के आधार पर स्टाफ नर्स व कक्ष सेवकों की स्वयं तैनाती करने जा रहा है। यही नहीं जिला मुख्यालय पर ट्रामा सेन्टर भी जल्दी कार्य करना शुरु कर देगा, यहां 5 बैड का आईसीयू सेन्टर व डाइलिसिस यूनिट भी स्थापित होने जा रही है।
रुद्रप्रयाग व चमोली जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं को संभाले रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में चार धाम यात्रा का भारी दबाव रहता है, ऐसे में यहां डॉक्टारों की कमी के चलते अस्पताल महज रैफर सेन्टर बना रहता था, मगर अब अस्पताल में फिजीशियन को छोडकर सभी महत्वपूर्ण विभागों में डॉक्टरों की तैनाती हो गयी है। जिससे यहां आने वाले मरीजों को अब ईलाज के लिए बाहरी अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहना पडेगा।
अस्पताल में सबसे ज्यादा दबाव सामान्य बीमारियों का रहता है, फिजीशियन के अभाव में एक चिकित्सक यहां प्रतिदिन दो से ढाई सौ मरीजों को देख रहे हैं, उनका कहना है फिजीशियन की तैनाती होती है तो दबाव कुछ कम होगा और मरीजों का ईलाज और भी अच्छे तरीके से हो पायेगा।
अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी का कहना है जिला अस्पताल के मानकों के अनुसार चिकित्सक अभी तैनात हैं और शीघ्र ही फिजीशियन की भी यहां तैनाती कर दी जायेगी। कहा कि आईसीयू व डाईलिसिस की यूनिट भी जल्दी अस्तित्व में आ जायेगी।
जिलाधिकारी व जिला अस्पताल प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि, चिकित्सकों की तैनाती के बाद अब पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती भी की जायेगी। शासन को इस सन्र्दभ में पत्राचार किया गया है अगर जल्दी ही पैरा मेडिकल स्टाफ नहीं मिलता है तो व्यवस्थाओं को बनाने के लिए प्रबन्धन समिति अपने संसाधनों पर कक्ष सेवक व सेविकाओं की तैनाती करेगी।
ट्रामा सेन्टर के स्थापित हो जाने से मरीजों को अब गम्भीर बीमारियों में भी उपचार के लिए भटकना नहीं पडेगा साथ ही आकस्मिक सेवाओं के लिए जिला अस्पताल में पूरी व्यवस्थायें भी जुटा ली गयी हैं बहुत जल्दी जिला अस्पताल एक हाईटेक सुविधाओं युक्त अस्पताल मै तब्दील हो जायेगा।