राजस्थान: राजस्थान में स्वाइन फ्लू रोग कहर बरपा रहा है। अब तक कोई चालीस मरीजों की मौत हो गई है तथा हजारों मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। आंकड़े बताते हैं कि एक जनवरी से अब तक रोजाना मौते हो रही हैं। स्वाइन फ्लू का सबसे ज्यादा प्रकोप प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में हैं। स्वाइन फ्लू की गंभीरता को देखते हुए तो प्राइवेट अस्पताल वाले मरीजों का इजाल भी नहीं करते हैं। ऐसे में मरीजों को सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर होना पड़ रहा है। पूरे प्रदेश में स्वाइन फ्लू को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को यह रोग मौसमी बीमारी नजर आता है।
रघु का कहना है कि प्रतिवर्ष इसी मौसम में मौते होती हैं। रघु के पास गत पांच वर्षों में भाजपा सरकार के दौरान हुई मौतों की संख्या भी है। रघु इसे सामान्य बात मानते हैं। यह सही है कि भाजपा के शासन में भी स्वाइन फ्लू से मौते हुई थीं। तब कांग्रेस ने भाजपा सरकार को ही दोषी ठहराया। यही वजह रही कि प्रदेश की जता ने भाजपा को हटा कर कांग्रेस को सत्ता में बैठा दिया। जनता ने ऐसा इसलिए किया ताकि बदलते मौसम में स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां से बचाव हो सके। भाजपा के शासन में जो रघु शर्मा स्वाइन फ्लू से हुई मौतों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे थे वो ही रघु शर्मा अब मौसमी बीमारी की दुहाई दे रहे हैं।
सवाल उठता है कि जब स्वाइन फ्लू मौसमी है तो फिर भाजपा सरकार को हत्यारी क्यों कहा गया? मौसमी बीमारी से भी लोगों की मृत्य न हो इसकी जिम्मेदारी सरकार की है। यदि चिकित्सा मंत्री भाजपा सरकार के मौतों के आंकड़े देकर अपनी विफलता छिपाने का कार्य करेंगे तो प्रदेश की जनता लोकसभा चुनाव में ही सबक सिखा देगी। अच्छा हो कि रघु शर्मा सरकारी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीजों के समुचित इलाज के इंतजाम करवाएं। सत्ता हासिल करने के बाद नजरिया नहीं बदलना चाहिए।