जोशीमठ। एशिया के सबसे बेहतरीन स्लोप्स के लिए चर्चित औली में आयोजित होने वाले फेड़रेशन ऑफ इंटरनेशनल स्कीइंग प्रतियोगिता पर अब संशय के बादल मंडराने लगे हैं। 15 जनवरी से लेकर 21 फरवरी तक फिश रेस का आयोजन होना है, लेकिन इसको लेकर सकारात्मक पहल अभी तक सामने नहीं आई है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की एशिया का सबसे बेहतरीन स्लोप औली में इस बार स्कीइंग प्रतियोगिता कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है चूंकि इस आयोजन के सफल संचालन से इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्लोप का रजिस्ट्रेशन दोबारा नहीं कराना पड़ेगा।
सैफ गेम्स 2011 के बाद औली में अभी तक अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग प्रतियोगिता का आयोजन नहीं हो पाया। साथ ही समय-समय पर बर्फ न पड़ने से राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों को रद्द करना पड़ा। यदि सरकार अभी से इस ओर ध्यान देने के साथ ही अवस्थापना विकास सुविधाओं को बेहतर तरीके से धरातल पर उतारने में सफल हुई तो निश्चित है कि औली को विश्व में विंटर टूरिज्म के लिहाज से नई पहचान मिलेगी।
स्थानीय जनमानस भी सरकार से यही उम्मीद संजोए बैठा है, लेकिन सरकार का उदासीन रूख औली में स्कीइंग की उम्मीदों को क्षीण कर सकता है। क्यूंकि अभी तक बर्फ बनाने वाली मशीनों ने कार्य करना प्रारंभ नहीं किया है, और ना ही यहाँ पर अभी होने वाले खेलों के लिए कोई तैयारियां नज़र आ रही हैं।
पूर्व अध्यक्ष विंटर गेम्स ऑफ उत्तराखंड के एसएस पांगती का कहना है कि इस तरह का अंतरराष्ट्रीय स्तर की फिश रेस आयोजन करना उत्तराखंड के पास स्वर्णिम अवसर है।
हालाँकि इस मामले में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि निश्चित रूप से विंटर गेम आयोजित होंगें क्योंकि इस बार आइस मेकिंग मशीन को भी ठीक किया गया है, उनका कहना है कि विंटर गेम इस बार किसी भी हाल में औली में आयोजित किये जायेंगें।