नई दिल्ली : डीआरडीओ के नागपुर हेडक्वार्टर से पाकिस्तान के लिए कथित रूप से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हुए निशांत अग्रवाल के खिलाफ एंटी टेरर स्क्वॉड (एटीएस) जांच शुरू कर दी है। एटीएस ने छापेमारी में निशांत अग्रवाल के लेपटॉप और मोबाइल को जब्त किए, जिसमें चैंकना वाले तथ्य सामने आए हैं। निशांत के सिस्टम से ब्रह्मोस मिसाइल और उसमें इस्तेमाल किए जाने वाले वेपन के डिजाइन बरामद हुए हैं। इंजनीयर निशांत अग्रवाल को सोमवार को महाराष्ट्र और यूपी एटीएस ने पाकिस्तान को भारतीय डिफेंस से जुड़ी कथित रूप से सूचनाएं पहुंचाने का आरोप में गिरफ्तार किया था।
भारत के सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए, जब उन्हें पता चला कि निशांत ने अपने प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारियां पाकिस्तान और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों से साझा की हैं। सूत्रों के मुताबिक, निशांत के पर्सनल कंप्यूटर से मिसाइल और वेपन के डिजाइन मिले हैं। डिफेंस के क्षेत्र में काम करने वाला कोई कर्मचारी अपने प्रोजेक्ट या ऑफिस से जुड़ी कोई भी चीज अपने घर पर नहीं ला सकता है, लेकिन निशांत के घर से कई वेपन डिजाइन मिले हैं।
एटीएस टीम जांच कर रही है कि निशांत ने ये डिजाइन पाकिस्तान को हाथ लगने दिए या नहीं। इन्वेस्टिगेशन टीम फिलहाल निशांत के सभी बैंकअकाउंट भी खंगाल रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, निशांत ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के लिए भी काम कर रहा था। निशांत अग्रवाल डीआरडीओ की मुख्य शाखा नागपुर में ब्रह्मोस एयरोस्पेस में इंजीनियर के रूप में का कर रहा था। चार साल से डीआरडीओ में काम कर रहा निशांत हाइड्रोलिक्स न्यूमैटिक्स एंड वॉरहेड इंट्रीगेशन (प्रॉडक्शन) का प्रमुख था।