सुप्रीम कोर्ट ऐसे आदेश दे, जिनका पालन हो सके: अमित शाह

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नई दिल्ली: केरल के कन्नूर में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को पार्टी कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ राज्य की लेफ्ट सरकार को घेरा बल्कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी सवाल उठाए।

अमित शाह ने कहा कि सरकार और कोर्ट को ऐसे फैसले नहीं सुनाने चाहिए, जिनका पालन न करवाया जा सके और जो आस्था से जुड़े हों। शाह ने कहा कि ‘कन्नूर में 120 बीजेपी कार्यकर्ता मारे गए। जिस विचारधारा के लिए इन बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बलिदान दिया है, मैं उनके परिवार को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम उसे कभी पराजित नहीं होने देंगे।’

वहीं सबरीमाला विवाद पर अमित शाह ने कहा कि ‘सरकार और कोर्ट को ऐसे आदेश देने चाहिए, जिनका पालन हो सके। उन्हें आदेश ऐसे नहीं देने चाहिए जो लोगों की आस्था का सम्मान न कर सकें। आर्टिकल 14 की दुहाई दी जाती है और 25 व 26 के तहत धर्म के अनुसार रहने का मुझे अधिकार है।’ उन्होंने कहा कि ‘एक मौलिक अधिकार दूसरे को नुकसान कैसे पहुंचा सकता है। हिंदू धर्म ने कभी परंपराओं में महिलाओं के साथ अन्याय नहीं किया, बल्कि उनको देवी मानकर पूजा है।’

शाह ने कहा कि ‘कोर्ट के जजमेंट के नामपर जो परंपराओं को तोड़ना चाहते हैं, उनको बता दूं कि देशभर के कई मंदिर ऐसे हैं जो अलग-अलग परंपराओं से चलते हैं। भगवान अयप्पा के कई मंदिर देश में बने हैं, वहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित नहीं है। इस मंदिर में अयप्पा की ब्रह्मचारी मूर्ति लगी है, इसलिए ऐसा है। देश के कई मंदिर ऐसे भी हैं जहां सिर्फ महिलाएं प्रवेश कर सकती हैं, पुरुषों का प्रवेश वर्जित है।’ शाह ने कहा कि सब इसी फैसले के पीछे पड़े हैं।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि केरल का उद्धार ना कांग्रेस कर सकती है और ना यूडीएफ कर सकती है। यहां का उद्धार सिर्फ मोदी जी के नेतृत्व में बीजेपी कर सकती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी, आरएसएस और अन्य संगठनों के 2000 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। सबरीमाला में भक्तों के साथ बीजेपी एक चट्टान की तरह खड़ी है।

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मैं उन लोगों को बताना चाहता हूं जो अदालत के फैसले के नाम पर हिंसा को बढ़ावा देना चाहते हैं कि हर मंदिर अलग नियम, मानदंड, परंपराओं और अनुष्ठानों पर चलते हैं। भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जहां पुरुषों को जानें की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि केरल के बीजेपी कार्यकर्ता अयप्पा के भक्तों के साथ हर कीमत पर खड़े होंगे। मैं यहां मुख्यमंत्री और कम्युनिस्ट सरकार को चेतावनी देने के लिए आया हूं जो अदालत के फैसले के नाम पर हिंसा फैलाने वालों को रोक नहीं रहे हैं।

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