आगरा: सुप्रीम कोर्ट ने ताज महल के संरक्षण को लेकर उदासीन रवैया अपनाने पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार से कहा कि मुगल काल की इस ऐतिहासिक इमारत के संरक्षण को लेकर कोई उम्मीद नजर नहीं आती है। ताज के संरक्षण और रखरखाव को लेकर केंद्र सरकार की उदासीनता पर गुस्सा जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार इसे संभाल नहीं सकती है तो इसे ढहा दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ताजमहल को लेकर गम्भीर नहीं है और न ही सरकार को इसकी परवाह है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि उत्तर प्रदेश सरकार ताजमहल की सुरक्षा और उसके संरक्षण को लेकर विजन डॉक्यूमेंट पेश करने में भी विफल रही है। कोर्ट ने इसके साथ ही इस महत्वपूर्ण स्मारक के संरक्षण को लेकर केंद्र की तरफ से उठाए गए कदमों और आगे के लिए जरूरी कार्रवाई के बारे में विस्तृत जानकारी पेश करने को कहा है। वहीं केंद्र ने पीठ को बताया कि आईआईटी कानपुर ताज महल और उसके आसपास वायु प्रदूषण के स्तर का आकलन कर रहा है और चार महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। केंद्र सरकार की ओर से यह जानकारी भी दी गई कि ताज महल और उसके आसपास प्रदूषण के स्रोत का पता लगाने के लिए एक विशेष समिति का भी गठन किया गया है जो इस विश्व प्रसिद्ध स्मारक के संरक्षण के उपाय सुझाएगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट अब 31 जुलाई से इस मामले पर प्रतिदिन सुनवाई करेगा।