नई दिल्ली: बोफोर्स मामले में कांग्रेस को बड़ी राहत मिली है। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें हिंदुजा बंधुओं समेत सभी आरोपियों को आरोप मुक्त करने वाले हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। 64 करोड़ रुपये के बोफोर्स घोटाला मामले में हाइकोर्ट ने हिन्दुजा बंधुओं समेत सभी आरोपियों को आरोप मुक्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अपील दायर करने में हुई देरी के जो आधार सीबीआई ने बताए हैं, वह उससे वह संतुष्ट नहीं है।
भारत और बोफोर्स तोपों का निर्माण करने वाली स्वीडन की कंपनी एबी बोफोर्स के बीच 24 मार्च, 1986 को 155 एमएम के 400 हॉवित्जर तोपों की खरीद का सौदा हुआ था। हाई कोर्ट ने 31 मई 2005 को अपना फैसला सुनाया था। अपने फैसले में हिन्दुजा बंधुओं-एस.पी. हिन्दुजा, जी.पी. हिन्दुजा और पी.पी. हिन्दुजा और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत सारे आरोप निरस्त कर दिये थे।
वहीं, कोर्ट ने यह भी कहा कि वकील अजय अग्रवाल की लंबित अपील में सीबीआई ये सारे बिंदु उठा सकती है। दरअसल अजय अग्रवाल ने हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। अजय अग्रवाल वही हैं जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
सीबीआई ने अपनी अपील में निजी जासूस माइकल हर्षमैन के उस साक्षात्कार को आधार बनाया था जिसमें उसने कहा था कि तब के प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने बोफोर्स मामले की जांच को प्रभावित किया था। 1990 में तत्कालीन अध्यक्ष मार्टिन आर्दबो, कथित बिचैलिया विन चड्ढा और हिन्दुजा बंधुओं के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, और छल के आरोप में भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।