नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में न्याय ही गुहार लेकर जाते हैं। लोगों वहां इंसाफ भी मिलता है। देश में भ्रष्टाचार इतनी गहराई से अपने जड़ें फैला चुका है कि सुप्रीम कोर्ट के जजों तक भी अपनी पहुंच बनाने लगा है। न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने खुली अदालत में खुलासा किया है कि होटल रॉयल प्लाजा से संबंधित एक मामले में उन्हें प्रभावित करने की कोशिश की गई थी। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति बनर्जी की पीठ 30 अगस्त को अदालत संख्या आठ में सुनवाई कर रही थी, जब यह खुलासा किया गया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि न्यायाधीश को प्रभावित करने का प्रयास अदालत की अवमानना है।
वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने न्यायमूर्ति बनर्जी से अनुरोध किया कि वह सुनवाई से खुद को अलग नहीं करें क्योंकि इसका दूसरे इस्तेमाल कर सकते हैं। न्यायमूर्ति बनर्जी ने भी सुनवाई के दौरान कहा कि कभी-कभार बार के वरिष्ठ सदस्य भी मुलाकात के दौरान लंबित मामलों पर चर्चा शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा कि अदालत को प्रभावित करने की किसी भी कोशिश को गंभीरता से देखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसी ने उसके लिये उन्हें टेलीफोन किया था. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि किसने कॉल किया था। पीठ ने इसके बाद मामले पर सुनवाई की और अपना फैसला बाद में सुनाने की घोषणा की। न्यायमूर्ति बनर्जी उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत होने से पहले मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश थीं। उनके अतिरिक्त न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति के एम जोसफ को हाल में ही उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।