नई दिल्ली: निर्भया के दोषी विनय शर्मा और मुकेश द्वारा दायर की गई क्यूरेटिव पिटिशन यानि समीक्षा याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो गई है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी विनय शर्मा और मुकेश द्वारा दायर क्यूरेटिव पिटीशन (समीक्षा याचिका) को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा है कि दोषियों की पूर्व में दायर पुनर्विचार याचिका और क्यूरेटिव याचिका में खास अंतर नहीं है और इस याचिका में कोई ऐसी नई बात नहीं है जिसका संज्ञान लिया जाए। ये कहते हुए अदालत ने मुकेश और विनय की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी। दोषियों के पास अब राष्ट्रपति के पास दया याचिका का विकल्प बचा है, जिसमें फांसी की सजा को उम्रकैद की सजा में बदलने की अपील की जा सकती है।
आपको बता दें कि इससे पहले ही निर्भया की मां ने दोषियों के बारे में कहा कि उन्होंने केवल अदालत की प्रक्रिया को लंबा खींचने के लिए यह याचिका दायर की है। मुझे पूरी उम्मीद है कि अदालत में उनकी याचिका को रद्द कर दिया जाएगा। और निर्भय के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी तभी निर्भय को इंसाफ मिल सकेगा।
आपको बता दें कि निर्भया को चारों गुनहगारों को सात जनवरी को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया था। इस वारंट में उनकी फांसी के लिए 22 जनवरी सुबह सात बजे का समय निर्धारित किया गया है।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: They (convicts) have filed a petition (curative plea) before the Supreme Court just to stall the process. I'm very hopeful that their petition will be rejected today. They'll be hanged on 22nd January & Nirbhaya will get justice. pic.twitter.com/b0Wwgutpyx
— ANI (@ANI) January 14, 2020