देहरादून : अब कोई भी स्कूल किसी छात्र-छात्रा को लम्बे समय के लिए निलंबित नहीं कर सकता। इस मामले में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षक आयोग की सदस्य ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र के जरिये निर्देश दिए है।
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षक आयोग की सदस्य सीमा डोरा ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र के जरिये निर्देश दिए हैं कि निजी विद्यालयों द्वारा छात्र-छात्रा को स्कूल से निलंबन या निष्कासन न किया जाये। सीमा डोरा ने कहा कि छात्र-छात्रा को लम्बे स्कूल से निलंबन या निष्कासन किये जाने से बच्चों की शिक्षा बाधित होती है। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों की शिक्षा बाधित न हो उसके लिए यह फैसला लिया गया है। सीमा डोरा ने कहा कि अगर किसी कारणवश किसी छात्र-छात्रा को स्कूल से निलंबन या निष्कासन करने की स्थिति बनती है तो उस छात्र-छात्रा को 15 से 20 दिन तक के लिए ही स्कूल से सस्पेंड किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि निलंबन अवधि की फीस भी विद्यालयों द्वारा नहीं ली जाएगी।