देहरादून: चर्चित स्टिंग मामले में अब हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। मामले में हाईकोर्ट के निर्देशों से पहले ही फजीहत झेल रही पुलिस व सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। राहुल भाटिया द्वारा की गई अपील पर कोर्ट ने मामले में स्टिंग को जनहित में सही करार दिया व कहा कि, इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है। साथ ही पुलिस द्वारा लगाई गई धाराओं को प्रथम दृष्टया सही न होना बताया है। जिस कारण कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। इसके आलावा कोर्ट ने अगली सुनवाई तक मामले में वादी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। लेकिन, वादी जांच में सहयोग के लिए भी निर्देशित किया है। हालाँकि, यह भी कहा कि, पुलिस मामले में सभी तरह की जाँच के लिए स्वतंत्र है।
कोर्ट ने किसी भी व्यक्ति की इज्जत को उसकी जान से भी ज्यादा महत्वपूर्ण बताया, साथ ही इसको लेकर कोर्ट ने धार्मिक ग्रन्थ गीता से लेकर संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला तक दे डाला। साथ ही कोर्ट ने आशंका जताई कि, समाचार प्लस चैनल के उक्त कर्मचारी आयुष गौड़ द्वारा अपने सीईओ उमेश कुमार पर लगाये गये इल्जाम उनके व्यक्तिगत मतभेद के कारण या उक्त कर्मचारी द्वारा लाभ के लिए यह किया गया हो।
कोर्ट ने कहा कि, जहाँ पॉलिटिशियन और ब्यूरोक्रेट का नाम आ रहा हो वहां सभी पहलुओं की जाँच होनी चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी 2019 को तय की गई है।