राजधानी के 89 लोगों से करीब 30 लाख रूपए की ठगी के शातिर अभी तक पुलिस के हात्थे नहीं चढ़े हैं। भले ही इसके लिए डीजीपी ने एसटीएफ को इसकी कमान सौंपी है लेकिन इन शातिर ठगों को घटना के एक माह बाद भी एसटीएफ नहीं पकड़ पाई है।
एसटीएफ इस मामले में सुस्त नजर आ रही है। हालांकि एसटीएफ हरियाणा के ठगों को पकड़ने के लिए हरियाणा तो गई लेकिन अभी तक भी उनको गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
हम आपको बता दें कि पुलिस ने इस मामले में एक अभियुक्ता को तो गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन उससे भी उन दो शातिरों का पुलिस कोई सुराग नहीं लगा पाई है। पुलिस ने इन दोनों शातिरों के नाम, पहचान और निवास का पता तो लगा लिया लेकिन शातिरों को पकड़ने में पुलिस अभी तक नाकाम सिद्ध हो रही है। आरोपियों में रामवीर सिंह और जगमोहन निवासी हरियाणा एटीएम क्लोनिंग में शामिल थे। जिनकी धरपकड़ के लिए पुलिस की 6 टीमें दबिश दे रही हैं।
भले ही एसटीएफ ने एटीएम क्लोनिंग के मामले में से 34 लाख रूपए की रिकवरी कर ली है लेकिन सवाल यह है कि क्या शातिर ठग इतने माहिर हैं कि वो पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो पा रहे हैं या एसटीएफ इन शातिरों के प्रति इतनी गंभीर नहीं है?