नैनीताल: हाईकोर्ट ने पिटकुल और उत्तराखंड पॉवर कॉरपोरेशन लि. में जूनियर इंजीनियर पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों के चयन मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के बाद इन पदों पर हुई नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। साथ ही न्यायालय ने इस मामले पर हो रही जांच की समय पर रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत करने के आदेश उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दिए हैं। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार जगदीश प्रसाद समेत चार अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि 21 सितंबर 2016 को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 515 जूनियर इंजीनियर पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की। इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदनों की तिथि 31 अक्टूबर-2016 थी। आयोग द्वारा पांच नवंबर 2017 को परीक्षा आयोजित कराई। उसके बाद छह फरवरी 2018 को चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट जारी कर दी। याचिका में कहा कि रुड़की हरिद्वार के जीनियस कोचिंग सेंटर में डीएम दीपक रावत ने छापेमारी की तो पता चला कि इसी कोचिंग सेंटर के 66 अभ्यर्थियों का चयन इन पदों के लिए हुआ है। इसके बाद आयोग द्वारा जांच की गई। याचिका में कहा कि एक ही कोचिंग सेंटर से 66 अभ्यर्थियों का चयन होना असंभव है। यह चयन कोचिंग सेंटर व आयोग की मिलीभगत से हुआ है। याचिका में यह कहा कि मेरिट लिस्ट ग्रेड के हिसाब से बनाई जानी चाहिए और जो मेरिट लिस्ट तैयार की गई है उसे निरस्त कर दोबारा बनाई जाए। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने नियुक्तियों पर रोक लगा दी। साथ ही साफ किया है कि जो जांच चल रही है, उसकी समय पर जांच रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की जाए।