दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन जल्द कुर्क हो सकता है। तीस हजारी कोर्ट ने कार्यालय का निर्माण कराने वाले ठेकेदार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कुर्की के आदेश दिए हैं। सोमवार को दोपहर बाद अदालत का बेलिफ पुलिस सुरक्षा में कुर्की करने पहुंचे, लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस नेता कार्यालय पर ताला लगाकर गायब हो गए।
पुलिस ने बंद कार्यालय की फोटो ली और चले गए। उधर, प्रदेश कांग्रेस ने कुर्की के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए दावा किया कि भवन के निर्माण का पूरा भुगतान कर दिया गया है। गलत तरीके से उनकी जानकारी के बिना एक पक्षीय निर्णय में कुर्की का आदेश आया है।
तीस हजारी अदालत ने प्रदेश कार्यालय का करीब 15 वर्ष तक निर्माण करने वाले ठेकेदार की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश कार्यालय की कुर्की कर पैसे वसूलने का आदेश जारी किया था। ठेकेदार का आरोप है कि उसका प्रदेश कांग्रेस पर 95 लाख रुपये बकाया है। इसके बाद ठेकेदार अदालत का बेलिफ लेकर संबधित थाने गया और वहां से पुलिस सुरक्षा लेकर राजीव भवन पहुंचा।
प्रदेश कार्यालय की ओर से जानकारी दी गई कि भवन का निर्माण करने वाली कंपनी वीजी कंस्ट्रक्शन के मालिक विनोद गोयल ने 5 अक्तूबर 2006 को ही शपथ पत्र दिया था कि भवन के निर्माण पर कुल 48 लाख 67 हजार 911 रुपये खर्च आए थे।
इनमें से 39 लाख का भुगतान उसे कर दिया गया था। इसके अलावा 5 लाख 70 हजार का चेक दिया गया। इसके बाद तीन लाख 97 हजार 848 रुपये का अलग से भुगतान किया गया। ऐसे में उनकी और कोई भी बकाया राशि नहीं निकलती।
दिल्ली कांग्रेस प्रदेश कमेटी के उपाध्यक्ष अत्तर सिंह का कहना है कि मामला करीब 15 साल पुराना है। तब से लेकर अब तक तीन अध्यक्ष बदल चुके हैं, बकाया बहुत ज्यादा नहीं है । हम तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।