देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सर्वे चैक स्थित आईआरटीडीए सभागार देहरादून में कौशल विकास विभाग एवं सेवायोजन विभाग द्वारा आयोजित इंडिया स्किल्स उत्तराखण्ड-2018 के पुरस्कार वितरण समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 11 विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया एवं प्रमाण पत्र भी प्रदान किये। कौशल विकास प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः 15 हजार, 10 हजार एवं 05 हजार रूपये के चैक प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए अलग से कौशल विकास विभाग की संरचना की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्किल इंडिया के सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने एक मजबूत पहल की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 09 नवम्बर 2020 तक राज्य में एक लाख युवाओं को कौशल विकास से जोड़कर रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश का ऐसा पहला राज्य है जहां स्टेट कंपोनेंट से स्किल डेवलपमेंट के सेंटर खोले गये हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में 11 हजार 09 सौ 11 युवाओं को 32 तरह के कौशल विकास के प्रशिक्षण दिये गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि किस क्षेत्र में कौशल विकास की अधिक आवश्यकता है उसको दृष्टिगत रखते हुए युवाओं को प्रशिक्षण देना होगा। इसके लिए औद्योगिक संस्थानों से सामंजस्य बनाना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के साथ अन्य पर्यटक स्थलों को और अधिक विकसित करना जरूरी है, ताकि हर वर्ग के पर्यटक उत्तराखण्ड में आ सकें। उन्होंने कहा कि आने वाले भविष्य में पर्यटन उत्तराखण्ड आर्थिकी का बड़ा संसाधन बन सकता है। आॅल वेदर रोड के लिए 12700 करोड़ रूपये के कार्य अगले दो-तीन वर्षों में होने हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। रूड़की-मुजफ्फरनगर-देवबन्द रेल लाईन के भू-अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब इस रेल लाईन का पूरा निर्माण कार्य भारत सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड भविष्य में एक बड़ा डेस्टिनेशन बनने वाला है।
अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि गत 02 वर्षों में कौशल विकास के क्षेत्र में सभी के सम्मिलित प्रयासों से उत्तराखण्ड को देश-विदेश के प्रतिष्ठित फोरम में स्थान मिला है। कौशल विकास एक सत्त प्रयास है। विभिन्न क्षेत्रों में कुशलतापूर्वक कार्य करना ही कौशल विकास है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्र कृषि एवं उद्योग में कौशल विकास की सीमित संभावनाएं है। हमें सेवा क्षेत्र में कौशल विकास के माध्यम से आगे बढ़ना होगा।
सचिव कौशल विकास एवं सेवायोजन डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय ने कहा कि गढ़वाल और कुमाऊं मण्डल से चयनित प्रतिभागियों द्वारा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता 15 से 18 अप्रैल 2018 तक देहरादून में 11 क्षेत्रों कुकिंग एवं रेस्टोरेन्ट सर्विस, आॅटोबाॅडी रिपेयर, कार पेटिंग एवं वैल्डिंग, मेकाट्रोनिक्स, मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिजाइन(CAD) एवं इलेक्ट्राॅनिक्स, ब्यूटी थेरेपी तथा हेयर डेªसिंग एवं मोबाइल रोबोटिक्स की प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी थी। राज्य स्तरीय विजेताओं द्वारा जोनल व उसके बाद राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में राज्य का प्रतिनिधित्व किया जायेगा। राष्ट्रीय विजेता छात्र वल्र्ड स्किल-2019 जो कि रूस के कज़ान शहर में होगा उसमें शिरकत करेगें। इस अवसर पर कौशल विकास पर आधारित लघु फिल्म भी दिखाई गई।