चंडीगढ़: गुरुग्रंथ साहिब जी बेअदबी मामले में फिल्म स्टार अक्षय कुमार बुधवार को चंडीगढ़ में एसआईटी के समक्ष पेश हुए। उन पर पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और गुरमीत राम रहीम की मुलाकात के लिए प्रबंध करने का आरोप है। अक्षय कुमार ने इन आरोपों से इनकार किया है। मामला वर्ष 2015 में धार्मिक बेअदबी केस से संबंधित है। उस साल पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की कई घटनाएं सामने आई थीं। पहली घटना जून में फरीदकोट जिले के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में हुई थी। इसके बाद 12 अक्टूबर को उसी जिले के बरगाड़ी गांव में गुरुग्रंथ साहिब के 110 पन्ने फटे मिले थे। इन घटनाओं के खिलाफ राज्यभर में प्रदर्शन हुए थे। कई जगह यह उग्र हो गया था। इसी दौरान मोगा जिले के बहबल कलां में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई थी, जिसमें 2 लोगों की जान चली गई थी। फरीदकोट जिले के कोटकापुरा में भी प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई गई थी।
मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का ऐलान किया। पंजाब विधानसभा ने मामले की जांच सीबीआई से वापस लेने और एसआईटी को मामला सौंपने से संबंधित प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इस बीच, मामले में जस्टिस रंजीत सिंह आयोग की जांच रिपोर्ट में घटनाओं में डेरा समर्थकों का हाथ सामने आया। बाद में डेरा प्रमुख राम रहीम को श्री अकाल तख्त साहिब से माफी मिल गई। इस बीच, ऐसे आरोप लगे कि अक्षय कुमार ने डेरा प्रमुख को माफ करवाने में अहम भूमिका निभाई।
इसके लिए मुंबई में अक्षय कुमार, सुखबीर सिंह बादल, डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह की बैठक की बात भी सामने आई। लेकिन अक्षय कुमार ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि उनकी कभी राम रहीम से मुलाकात नहीं हुई। बॉलीवुड एक्टर ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा, मैं जिंदगी में कभी, कहीं भी गुरमीत राम रहीम से नहीं मिला हूं। मुझे सोशल मीडिया से पता चला कि राम रहीम मुंबई के जुहू में मेरे ही इलाके में कहीं रहता था। लेकिन, हम दोनों एक-दूसरे से कभी नहीं मिले।
उन्होंने यह भी कहा, पंजाबी होने पर मुझे गर्व है और सिख आस्था के प्रति मेरे मन में बेहद सम्मान है। मैं कभी ऐसा कुछ नहीं करूंगा, जिससे मेरे पंजाबी भाइयों और बहनों की भावनाएं आहत हों, जिनके प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान और प्यार है। अक्षय ने यह भी कहा कि इतने वर्षों में वह पंजाबी संस्कृति व समृद्ध इतिहास और सिख परंपरा को बढ़वा देने वाली श्सिंह इज किंगश् और केसरी जैसी फिल्में पूरे समर्पण को साथ करते रहे। यहां उल्लेखनीय है कि राम रहीम सिंह की फिल्म एमएसजी का सिख समुदाय विरोध करता रहा है।