देहरादून: प्रदेश सरकार के चारधाम श्राइन बोर्ड के गठन के निर्णय का पुरोहित व हक-हकूकधारी पुरजोर विरोध कर रहे हैं। वहीँ इस कड़ी में चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने पद से इस्तीफा दे दिया है। आचार्य ममगाईं ने कहा कि चारों धामों के हक हकूकधारियों पर किसी भी तरह की आंच आती है तो उन्हें अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने पूजन न करने की चेतावनी दे डाली।
सरकार के इस निर्णय को तीर्थ पुरोहितों ने छलावा बताया है। उनका कहना है कि प्रस्तावित एक्ट में कई खामियां है, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए। आचार्य ममगाईं ने मुख्यमंत्री के सामने मांग रखी कि मंदिरों में पूजन व आंतरिक कार्यों में कोई छेड़छाड़ न की जाए। धामों के पुजारियों की परंपरा को भी यथावत रखा जाए। हालांकि उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों का पक्ष रखने के साथ ही मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भी उन्होंने सौंप दिया है।
बता दें कि, प्रदेश सरकार ने कैबिनेट के जरिये प्रदेश में चारों धामों और इनके सहयोगी 51 मंदिरों को शामिल करते हुए चारधाम श्राइन बोर्ड के गठन का निर्णय लिया था। जिसके अनुसार, बोर्ड में चारों धाम के पुजारियों, वंशानुगत पुजारियों का भी प्रतिनिधत्व रहेगा और रावल समेत अन्य नियुक्तियां परंपरानुसार ही होंगी। साथ ही दावा किया गया कि हक-हकूकधारियों के हितों को भी सुरक्षित रखा जाएगा।