श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर के शोपियां में शुक्रवार को सुरक्षाबलों ने एक भीषण मुठभेड़ में इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू कश्मीर आईएसजेके के जिंदा बचे एक मात्र आतंकी इश्फाक सोफी उर्फ अब्दुल्ला को भी मार गिराया। घटना के बाद प्रशासन ने शोपियां और सोपोर के विभिन्न इलाकों में भड़की हिंसा के बाद मोबाईल इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया है। सोपोर में सभी शिक्षण संस्थान भी एहतियात के तौर पर बंद किए गए हैं।
यहां मिली जानकारी के अनुसार, आज तड़के करीब चार बजे सेना की 23 पैरा और राज्य पुलिस विशेष अभियान दल एसओजी के जवानों के एक संयुक्त कार्यदल ने शोपियां के अमशीपोरा में एक बाग की घेराबंदी शुरु की। बाग में दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना थी। जवानों को घेराबंदी करते देख आतंकियों ने उन पर गोलियां चलाते हुए घेराबंदी तोड़ भागने का प्रयास किया। लेकिन जवानों ने तुरंत जवाबी फायर किया और इसके बाद करीब आधा घंटे तक गोलियां चलती रही। आतंकियों की तरफ से गोलियों की बौछार बंद होने पर जवानों ने मुठभेड़स्थल की तलाशी ली। उन्हें वहां गोलियों से छलनी एक आतंकी का शव मिला।
मारे गए आतंकी की पहचान इश्फाक सोफी के रुप में हुई है। वह उत्तरी कश्मीर में सोपोर का रहने वाला था। बताया जाता है कि वह वर्ष 2015 में तहरीक-उल-मुजाहिदीन में शामिल हुआ था। लेकिन एक साल बाद वर्ष 2016 के अंत में वह इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू कश्मीर आतंकी संगठन का हिस्सा बन गया था। इसा फाजली और दाऊद के मारे जाने के बाद बीते साल उसके साथ करीब आठ ही आतंकी रह गए थे। इनमें से पांच इसी साल के शुरुआत में मारे गए और तीन अन्य पकड़े गए थे। इसके बाद वह अकेला ही रह गया था। वह बीते कुछ दिनों से एक बार फिर आईएसजेके में नए लड़कों की भर्ती का प्रयास कर रहा था। कुछ लोगों के मुताबिक वह अंसार उल गजवात ए हिंद व जैश ए मोहम्मद के साथ तालमेल करने में लगा था।