देहरादून: क्लेमनटाॅउन में शिक्षिका की प्रताड़ना से तंग आकर आठवीं की छात्रा के फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि शिक्षिका, छात्रा के नंबर कम आने पर और पढ़ाई में कमजोर होने पर अक्सर उसे डांटती रहती थी। यह बात भी सामने आई है कि, ब्लैकबोर्ड पर कुछ ऐसी बातें लिखी थीं, जिससे उसे शर्म महसूस हुई। घर आकर उसने आत्महत्या कर ली। परिजनों ने पुलिस को बताए बगैर बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया। इसकी जानकारी लगने के बाद बाल आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है। बाल आयोग की सदस्या सीमा डोरा ने मृतक बच्ची के घर जाकर उसके परिजनों से मुलाकात की।
मामला क्लेमेंनटाउन थाना क्षेत्र का है। क्षेत्र निवासी 13 साल की एक छात्रा आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। कुछ दिन पहले उसके स्कूल में अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं हुई थीं। शुक्रवार को परिणाम घोषित हुआ। बताया जा रहा है कि, परीक्षा में पांच बच्चों के नंबर बेहद कम आए थे। उनमें यह छात्रा भी शामिल थी। शनिवार को जब छात्रा स्कूल पहुंची तो शिक्षक ने बच्चों की योग्यता से संबंधित कुछ आपत्तिजनक बातें ब्लैकबोर्ड पर लिख दीं।
उसके बाद से छात्रा मायूस हो गई। घर आने पर उसने खाना भी नहीं खाया और अपने कमरे में चली गई। बच्ची की हालत देखकर उसकी मां कमरे में आई और उसके गुमसुम होने का कारण पूछा तो उसने पूरी बात बताई। इस पर मां ने उसे सांत्वना दी और मामले में शिक्षक से बात करने की बात कहकर वह कमरे से बाहर चली गईं।
बाल आयोग की सदस्या सीमा डोरा ने कहा कि, यह मामला बेहदी गंभीर और चिंताजनक है। इस तरह की घटनाएं फिर से ना हों, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, अगर छात्रा पढ़ने में कमजोर थीं, तो परिजनों को बताया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन से मिलकर बात की जाएगी। इस तरह के मामलों को ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता। स्कूलों में बच्चों पर बहुत बोझ पड़ रहा है। इस पर बात करनी जरूरी है।