बागेश्वर: ज़िले में शिक्षा विभाग अपनी नाकामी, लापरवाही, बदइन्तजामी की हमेशा से नाजिर पेश करता रहा है। सब पढे सब बढ़े, सर्व शिक्षा अभियान तमाम दावे तब धराशाई हो जाते जब ऐसे मामले सामने आते हैं। शिक्षा विभाग के सारे स्लोगन यहाँ बेमानी सी साबित होते हैं। कई साल पहले खोल दिया लेक़िन, शिक्षक नाकाफ़ी दिए। जब दिए तब स्कूल बंद हो गया।
दरअसल मामला ज़िले के कांडा तहसील के पंगचोड़ा जूनियर हाईस्कूल का है। जोकि कांडा तहसील मुख्यालय से मात्र 5 किमी. की दूरी पर मंतोली मोटर मार्ग पर स्थित है। कई सालों पहले विभाग ने भारी भरकम रकम खर्च कर बड़ा स्कूल तो बना डाला, शिक्षकों की नियुक्ति भी कर डाली, अब पढ़ाने को बच्चे नही। गलत मानकों के आधार स्कूल खोल दिया पहले अब छात्र संख्या ज़ीरो हुई, स्कूल में ताले लटक गए। यहाँ के शिक्षकों को दूसरे पास के स्कूलों में शिफ्ट तो कर दिया, लेकिन बन्द हुए इस स्कूल के कंप्यूटर अन्य महत्वपूर्ण उपकरण को शिफ्ट करना भूल गया। वर्तमान में भी इस्थित जस की तस बनी हुई है। जुलाई माह में स्कूलों को खुले हुए 11 दिन हो गए लेकिन ये स्कूल बन्द है। अपने उपकरणों के साथ कोई सुध लेने वाला नही है। तस्वीरों में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है, किस तरह से स्कूल की लावारिस भवन में ये उपकरण छोड़ दिए। लाखों उपकरणों को धूल फाँकने जानवरों की बिट के हवाले कर दिया गया। क्या ऐसे हाल में नोनिहाल अपना भविष्य बना पाएंगे।
वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि, जल्द ही इन उपकरणों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट कर दिया जाएगा। मुख्यशिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वैसे इन मामलों में विभाग को स्वतः संज्ञान ले लेना चाहिए यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है। ऐसा नही होना चाहिए था। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।