नैनीताल: उत्तराखंड में सहायक शिक्षक बनने की चाह रखने वालों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद के लिए बीएड सहित ग्रेज्युएशन में 50 प्रतिशत अंकों की बाध्यता को समाप्त कर दिया है। अदालत के इस फैसले से प्रदेश के बड़ी तादाद में प्रशिक्षित बेरोजगारों को प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए आवेदन करने का मौका मिल जाएगा। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की।
मामले के अनुसार, नीतू पाठक और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद के लिए बीएड और ग्रेज्युएशन में 50 प्रतिशत अंकों की बाध्यता को चुनौती दी थी। इसे न्यायालयों के पिछले फैसलों के प्रतिकूल बताते हुए प्रदेश में इस प्रकार के प्रावधान को खत्म करने के निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था।
मामले के अनुसार, नीतू पाठक और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद के लिए बीएड और ग्रेज्युएशन में 50 प्रतिशत अंकों की बाध्यता को चुनौती दी थी। इसे न्यायालयों के पिछले फैसलों के प्रतिकूल बताते हुए प्रदेश में इस प्रकार के प्रावधान को खत्म करने के निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था।