पिथौरागढ़: जिले में प्राथमिक शिक्षा महकमे में नियम विरुद्ध पदोन्नती स्थानान्तरण किये जाने का मामला सामने आया है, जिसको लेकर शिक्षकों में रोष है। इसके विरुद्ध जूनियर शिक्षक संघ पूरे प्रकरण की जांच करने व नियम विरुद्ध काम करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग कर रहा है।
मामले के अनुसार, पिथौरागढ़ में प्राथमिक शिक्षा विभाग मे मनमाने तरिके से नियम विरुद्ध स्थानान्तरण हुये। 9 महिने पहले प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाचार्य और जूनियर स्कूलों में सहायक अध्यापक व प्रधानाचार्य पदो को काउंसलिंग के जरिये भरा जाना था। इसके लिये 15 नवम्बर तक चयनित शिक्षकों को अपने-अपने विद्यालयों मे ज्वाइनिंग देनी थी। इसमे कुछ शिक्षकों द्वारा ज्वाइनिंग भी दी गई। लेकिन विभाग द्वारा उसके बाद नियमों को दर किनार कर कुछ शिक्षकों के विद्यालयों में संसोधन किया गया, जो पहली गलती है। ये प्रकिया के तहत नियम विरुद्ध है। इस जिले में इस तरीके के 8 प्रकरणों में नियम विरुद्ध स्थानान्तरण किये गये हैं। इसका असर ये हुआ कि जो स्थानान्तरण किये गये, उसके बाद उस स्कूलों में या तो पद मृत घोषित हो गये या फिर असंगत विषयों में इन शिक्षकों को भेजा गया, जो कि दूसरी लापरवाही है। दोनो प्रकरणों मे बिल्कुल ही नियमों के विरुद्ध कार्यवाही हुई है। अब जूनियर शिक्षक शिक्षक संघ इस प्रकार की अनियमितता की जांच कर इसके लिये जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग कर रहा है।
वहीँ जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक का कहना है कि, साल 2017-18 मे प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद के लिए काउंसलिंग द्वारा 99 पदोन्नती हुई थी। जिसके सापेक्ष 35 शिक्षकों ने पदभार ग्रहण किया। जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापक के 54 पदों में पदोन्नती हुई। जिसमें 27 शिक्षकों ने पदभार ग्रहण किया। जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक पर पर 52 शिक्षकों की पदोन्नती हुई, जिसके सापेक्ष 27 शिक्षकों ने अपनी ज्वाइंनिंग दी। लेकिन वहीं जिले मे 8 पदों पर शिक्षा डायरेक्ट से लिखे पत्र के आधार पर संसोधन किये गये हैं।
जिले के शिक्षा अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि, 8 पदों पर सीधे डायरेक्टेड से 15 नवम्बर के बाद आये पत्र के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति में संसोधन हुआ है। जो कि नही होना चाहिये और नियम विपरीत है। अब देखना होगा कि इस प्रकरण पर शिक्षा विभाग किस प्रकार का रुख अख्तियार करता है और जीरो टालरेंस की सरकार में दोषियों पर कार्यवाही कब तक होती है।