श्रीनगर : आर्मी जवान औरंगजेब की अपहरण के बाद हत्या में मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सी मामले में कतिथित संलिप्तता के आरोप में सेना ने पूछताछ के लिए सेना के तीन जवानों को हिरासत में लिया है। हालांकि अभी तक अधिकारिक तौर पर इस मामले की पुष्टि नहीं की है। बताया जा रहा है कि आतंकियों के लिए सेना के जवानों की मुखबिरी का यह पहला मामला है। गत जून, 2018 के दौरान ईद से पूर्व सेना की 44 आरआर के राइफलमैन औरंगजेब को आतंकियों ने पुलवामा और शोपियां के रास्ते में एक निजी टैक्सी से कलमपोरा के पास नीचे उतार अगवा कर लिया था। कलमपोरा से करीब 15 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में अगले दिन औरंगजेब का गोलियों से छलनी शव मिला था।
जागरण डॉट कॉम की खबर के अनुसार औरंगजेब की शहादत के बाद ही इस मामले की जांच के दौरान हनी ट्रैप और भीतरी घात की बात सामने आई थी। इसके बाद सेना ने 44 आरआर से जुड़े कुछ स्थानीय सैन्यकर्मियों की गतिविधियों की निगरानी शुरू की और तीन से चार सैन्यकर्मियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। यह मामला लगभग दब चुका था, लेकिन गत रविवार को अचगूजा पुलवामा के रहने वाले एक युवक तौसीफ अहमद वानी को मेजर शुक्ला द्वारा पूछताछ के दौरान कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के बाद फिर सुर्खियों में आ गया।
औरंगजेब के अपहरण व उसकी हत्या से जुड़े मामले में हिरासत में लिए गए तीन सैन्यकर्मियों के नाम तजामुल अहमद, आदिल वानी और आबिद वानी बताए जाते हैं। दो जिला पुलवामा के और एक कुलगाम का रहने वाला बताया जाता है। औरंगजेब की हत्या मामले में आर्मी ने राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवानों को हिरासत में लिया।आर्मी ने 44 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवानों को इस मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में हिरासत में ले लिया है। इन पर आरोप है कि ये लोग अपने साथी औरंगजेब की हत्या और अपहरण में कथित तौर पर शामिल थे। औरंगजेब की हत्या मामले में आर्मी ने राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवानों को हिरासत में लिया।