श्रीनगर: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया है। जेएनयू की कश्मीरी छात्रा शहला ने एक ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी। शहला ने कहा है कि कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेना घाटी में केंद्र सरकार के ऐक्शन को सही ठहराना होगा।
शहला राशिद ने ट्वीट में लिखा, ‘कश्मीर में मुख्यधारा की राजनीति से मैं अपने आपको अलग करती हूं। जब केंद्र द्वारा चुनाव का नाटक हो रहा है, ऐसे हालात में चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी, कश्मीर में भारत सरकार के उठाए गए कदमों को न्यायोचित ठहराना होगा।’ इससे पहले जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद शहला ने कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया था। इसको लेकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था।
I'd like to make clear my dissociation with the electoral mainstream in Kashmir. Participation in the electoral process in a situation where even the election rhetoric is to be dictated by the centre will only amount to legitimising the actions of the Indian govt in #Kashmir pic.twitter.com/7PMi2aIZdw
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) October 9, 2019
राशिद ने ट्विटर पर सियासत से रिटायरमेंट का ऐलान करते हुए कहा, ‘न्याय के लिए लड़ाई सच बोलने से थोड़ा ज्यादा मांगती है। मेरे खिलाफ कश्मीरी लोगों की आवाज उठाने पर देशद्रोह का केस दर्ज हुआ। लेकिन यह मुझे सच बोलने से नहीं रोक सकेगा। जहां कहीं भी मेरी आवाज जरूरी होगी वहां मैं आवाज उठाऊंगी।’