हल्द्वानी: जम्मू-कश्मीर के शोपिया जिले में आतंकियों संग हुई मुठभेड़ में शहीद हुए भारत के लाल ‘मेजर कमलेश पांडेय’ पंचतत्वों में विलीन हो गए हल्द्वानी में ही उनका अंतिम संस्कार रानीबाग में चित्रशिला घाट पर किया गया।
आज सुबह जब मेजर का शव उनके आवास हल्द्वानी पहुंचा तो शव को देखते ही शहीद कमलेश के परिवार में कोहराम मच गया। हर कोई कुमाऊं के वीर सपूत मेजर कमलेश के घर पर उनके अंतिम दर्शन को और आखिरी विदाई देने के लिए उनके घर पहुंचे। वहीँ परिवहन मंत्री मंत्री यशपाल आर्य, विधायक बंशीधर भगत, जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी, एसएसपी जनमेजय खंडूरी ने भी शहीद को नम आँखों से श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान ”जब तक सूरज चांद रहेगा, पांडेय तेरा नाम रहेगा”, ”पाकिस्तान मुर्दाबाद” समेत कई देश भक्ति नारों की गूंज रही।
मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना स्थित दिगौली गांव के रहने वाले मेजर कमलेश पांडे को पूरे सैन्य सम्मान के साथ हल्द्वानी में ही उनका अंतिम संस्कार रानीबाग में चित्रशिला घाट पर किया गया।
आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर कमलेश कमलेश पांडे के पिता सेवानिवृत्त सूबेदार मोहन चंद पांडे बेटे को खोने के दुख में खुद को बोलेने से रोक नहीं पाए। उन्होंने रुंधे गले से कहा कि पाकिस्तान से युद्ध के बगैर भारत में शांति नहीं आ सकती है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि कब तक भारत के बेटे यूं ही शहीद होते रहेंगे। आतंकी तो मरने के लिए तैयार होते हैं लेकिन निर्दोष सैनिक की जान की बली क्यों चढ़ाई जा रही है?