मुंबई: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को 625 करोड़ रुपये जमा कराने के आदेश जारी किए हैं और साथ ही NSE पर 6 महीने के लिए बार भी किया है। मतलब अब अगले 6 महीनों के लिए NSE कैपिटल मार्केट में IPO की अर्जी नहीं लगा सकेगी।
NSE पर कुछ सर्वर को खास फायदा पहुंचाने का आरोप है, जिसे को-लोकेशन कहते हैं। इसे चुनिंदा सर्वर पर काम करने वाले कारोबारियों को फायदा मिलता है। इसी के चलते सेबी ने ये कार्रवाई की है। सेबी NSE की को-लोकेशन सुविधा से कारोबारों में अनियमितता के आरोपों की जांच कर रहा है।
SEBI के ऑर्डर में कहा गया कि, “NSE को 624.89 करोड़ रुपये और उसके साथ उस पर 1 अप्रैल 2014 से 12 परसेंट सालाना ब्याज सहित पूरी रकम सेबी के इन्वेस्टर प्रोटेक्शन और एजुकेशन फंड (आईपीईएफ) में भरनी होगी।“
NSE के प्रवक्ता ने कहा है कि, एक्सचेंज सेबी के आदेश को देख रहा है और कानून के मुताबिक उचित कदम उठाएगा। सेबी के इस आदेश का NSE के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा। गुरूवार को मार्केट खुलने पर इसका काम पहले की तरह ही होगा।
सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने इस मामले में एनएसई के दो पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारियों रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण को एक स्पेशल खास वक्त के लिए वेतन के 25 परसेंट हिस्से को वापस करने के लिए भी कहा है।
सेबी ने इन दोनों पूर्व अधिकारियों पर 5 साल तक किसी सूचीबद्ध कंपनी या बाजार ढांचा चलाने वाले संस्थान या बाजार में बिचौलिए का काम करने वाली इकाई के साथ काम करने पर रोक भी लगायी है।