देहरादून: चिल्ड्रन होम भोगपुर में सातवीं में पढ़ने वाले 12 साल के छात्र को उसके सीनियर छात्रों ने पीट-पीट कर मार डाला। छात्र के साथ 11 मार्च को मारपीट की गई थी। तब उसकी मौत निमोनिया से होनी बताई गई थी, लेकिन जब बच्चे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और दूसरी जांचें सामने आई तो मामला ने सभी को चौंका दिया। जांच में पता चला कि उनसी मौत ब्लड क्लाउटिंग से हुई है। उसे उसके सीनियर छात्रों ने बैट और विकेट से पीटा था। जिससे उसकी मौत हो गई। हत्या के आरोपी सीनियर छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
मामला शांत हो गया था, लेकिन बच्चे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 23 मार्च को उसका खुलासा हुआ। रिपोर्ट में कहा गया कि मृतक छात्रा वासु यादव की मौत आंतरिक चोट के कारण आन्तरिक रक्त स्त्राव होने से हुई है। 26 मार्च को पुलिस ने हत्या के आरोपी छात्र शुभांकर एमडीडीए कालोनी देहरादून उम्र 19 साल, लक्ष्मण भटिडा पंजाब उसकी उम्र भी 19 साल है। अपराध को छिपाने के आरोप में चिल्ड्रन होम एकेडमी भोगपुर के मैनेजर प्रवीन मैसी बुआखाल पौढी गढवाल, एकेडमी के शारीरिक शिक्षक अशोक सोलोमन भटिंडा पंजाब और अजय कुमार को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की निशानदेई पर घटना मे प्रयुक्त क्रिकेट का बैट और विकेट किल्ली की अधजली लकडी बरामद कर ली गई है।
पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि 10 मार्च को सभी बच्चे हॉस्टल से चर्च गये थे, जिसमें वासु नाम का लड़का भी था। रास्ते में वासु के ने लेखपाल सिंह रावत की दुकान पर बिस्कुट का पैकेट चोरी कर लिया था, जिसकी सूचना लेखपाल सिंह ने चर्च में जाकर चर्च मे जाकर वहां के स्टाफ को दी। वासु को डांट के बाद सभी छात्रों को बिना आउटपास के बाहर नहीं जाने देने के लिए कहा गया। इससे गुस्साए सिनियर छात्र शुभांकर और लक्ष्मण जो 12 वीं कक्षा के छात्र हैं, ने हॉस्टल आकर वासु के साथ क्रिकेट के बैट और विकेट (किल्ली) से मारपीट करनी शुरू कर दी। उसको मार-पीट के बाद छत पर लेजाकर ठंडे पानी से नहलाया और गंदा पानी भी पिलाया।
दोनों आरोपियों ने बताया कि वासू को डेढ़ बजे से शाम साढे़ पांच बजे तक पीटते रहे। बेहोशी की हालत में स्टडी रुम मे छोड़ दिया। मारपीट में प्रयुक्त बैट को पीटीआई अशोक के आलमारी में छिपा दिय। विकेट किल्ली को कूड़े के साथ जला दिया। उसके बाद वार्डन अजय ने स्टडी हाल में बच्चांे की गिनती की तो वासू बेहोशी की हालात में पड़ा मिला। उठाने पर वासू उल्टी करने लगा। ज्यादा तबीयत बिगड़ने के कारण स्कूल स्टाफ ने उसे अपने स्कूल के वाहन से जौलीग्रांट अस्तपताल लाया गया, जहां उसको मृत घोषित कर दिया गया।
वहीँ मामले में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा उषा नेगी ने बताया कि, आयोग के हस्तक्षेप के बाद ही मामले का संज्ञान लिया गया। पत्पश्चात ही मामले में एफआईआर दर्ज हुई। साथ ही आयोग की अध्यक्षा ने बताया कि, दो बच्चे और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया लेकिन, मुख्य प्रबंधक को भी मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए, क्योंकि वो भी मामले के साक्ष्य छुपाने में शामिल रहे। लेकिन अभी तक वह गिरफ्तार नहीं हुए हैं। आयोग मामले में नजर बनाये हुए हैं।