नई दिल्ली: अक्सर किसी ना किसी वजह से चर्चाओं में रहने वाले भाजपा सांसद और दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। दरअसल बीते शनिवार को भाजपा की तरफ से देशभर में ‘विजय संकल्प’ बाइक रैली निकाली गई थी। दिल्ली में आयोजित ऐसी ही एक रैली का नेतृत्व करने पहुचे मनोज तिवारी वहां भारतीय सेना की वर्दी पहनकर पहुंच गए। भारतीय सेना की वर्दी में मनोज तिवारी की तस्वीरें मीडिया में आते ही विवाद शुरू हो गया। कांग्रेस समेत विपक्ष ने भाजपा पर हमला बोलते हुए उसपर सैनिकों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया। वहीं, विवाद बढ़ने के बाद अब मनोज तिवारी ने भी इस मामले पर सफाई दी है।
भाजपा की बाइक रैली में सेना की वर्दी पहनने पर उठे विवाद के बाद मनोज तिवारी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मैंने सिर्फ इसलिए सेना की वर्दी पहनी, क्योंकि मुझे अपनी सेना पर गर्व है। मैं भारतीय सेना में नहीं हूं, लेकिन मैंने देश की एकजुटता को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। इसे अपमान के नजरिए से क्यों देखा जाना चाहिए? अपनी सेना के लिए मेरे दिल में बेहद सम्मान है। ऐसे तो अगर कल को मैं एक नेहरू जैकेट पहन लूं तो क्या यह जवाहर लाल नेहरू का अपमान होगा?’ आपको बता दें कि शनिवार को मनोज तिवारी अपने संसदीय क्षेत्र उत्तर पूर्व दिल्ली में आयोजित बाइक रैली का नेतृत्व करने पहुंचे थे।
मनोज तिवारी ने रैली की तस्वीरें खुद अपने ट्विटर पेज पर शेयर कीं। सोशल मीडिया में मनोज तिवारी की तस्वीरें वायरल होने के बाद विपक्ष ने उन्हें निशाने पर ले लिया। टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘शर्मनाक, शर्मनाक, शर्मनाक, भाजपा सांसद और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी सेना की वर्दी पहनकर वोट मांग रहे हैं। भाजपा, मोदी और शाह हमारे जवानों का अपमान और राजनीतिकरण कर रहे हैं और इसके बाद ये लोग देशभक्ति पर भाषण देते हैं।’ नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्विटर पेज पर सेना की वर्दी पहने मनोज तिवारी की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘और माननीय पीएम सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता हाल ही में हुए सैन्य कार्रवाई का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए विपक्ष से सफाई मांग रहे हैं।’