प्रदीप रावत
देहरादून : प्रदेश के बजट सत्र की तारीखों का एलान हो चुका है। बजट सत्र 20 मार्च से गैरसैंण में होगा। सरकार इस बजट को लेकर खास पहल शुरू कर रही है। अगर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुहिम पर इमानदारी से काम हुआ और लोगों की राय मानी गई, तो इस बार का बजट आम लोगों का बजट होगा। दरअसल, त्रिवेंद्र सिंह रावत बजट के लिए लोगों की राय लेंगे। वह खुद जनता के पास जाकर उनसे बजट के लिए सुझाव लेंगे और उनको बजट में शामिल करेंगे। उनका कार्यक्रम भी तय हो चुका है। अगर आपके पास भी बजट के लिए कोई सुझाव है, तो उसे आप सीधे सीएम टीएसआर को दे सकते हैं। सरकार ने बेहतर कदम उठाया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार आम लोगों के सुझावों को बजट में शामिल कर उन पर अमल भी करेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को किसी ने अच्छी सलाह दी है। अब तक की सलाहों से लगता नहीं कि उनके किसी सलाहकार ने उनको यह सुझाव दिया होगा। ऐसा इसलिए कि अब तक उनके सलाहकारों ने जितनी भी सलाहें दी हैं। उन सबसे मुख्यमंत्री और सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। रैबार आया और सीएम आवास से वापस चला गया। सीएम आपके बीच ‘आपका बजट, आपकी राय’ कार्यक्रम में आने वाले हैं। उम्मीद करता हूं की प्रदेश के सभी लोग सरकार को अपने सुझाव देंगे। यह एक बेहतर मौका है। हमको इसका लाभ लेना होगा। केवल इसलिए अच्छा नहीं है कि सरकार बजट में आपके सुझाव शामिल करेगी। कार्यक्रम इसलिए भी अच्छा है कि सीएम और सरकार की मानसिकता को परखने का अच्छा अवसर है। सीएम पहले छह चरणों में अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों से राय लेंगे। उन लोगों से गुजारिश है कि वो अपनी राय का दायरा बड़ा रखें। ऐसा ना हो कि आत्ममुग्ध होकर हम बजट में भी अपने तक ही सीमित रह जाएं। सबसे पहले 13 फरवरी को यमुनोत्री में किसानों के बीच जाकर मुख्यमंत्री उनकी राय लेंगे। इसके बाद पिथौरागढ़ में बजट के लिए महिलाओं के सुझाव लेंगे। अगले चरण में हरिद्वार में फिर से किसानों के बीच होंगे। हल्द्वानी में पूर्व सैनिकों के बीच सीएम बजट के लिए सुझाव लेंगे। आखिरी दो चरणों में देहरादून में पहले एंटरप्रेन्योर्स से और फिर युवाओं से संवाद कर बजट के लिए उनके सुझाव सुनेंगे। सरकार की गलत कामों पर आलोचना होनी ही चाहिए, लेकिन इस बार जरा ठीक काम किया है। तैयार रहिए, अपने सुझावों के साथ। ऐसा सुझाव दीजिए कि आपका भी भला हो और प्रदेश का भी। मुझे सबसे अधिक उम्मीद युवाओं से है। सरकार और सरकार के मंत्री युवाओं को अपने दफ्तारों से धकिया रहे हैं। कहते हैं तुमने थोड़े मंत्री बनाया। इसलिए उम्मीद ज्यादा है कि अपने बेहतर भविष्य के लिए सरकार को अच्छा सुझाव देंगे। अंत में बस यही कहना चाहूंगा कि सीएम साहब सुन लीजिए जो कहा है उसे कर दिखाना। ठगी मत करना, अपने मंत्रियों की तरह। कहीं आप भी कहने लगो कि जाओ जो करना है कर लो। मैं तुम्हारा सुझाव बजट में शामिल नहीं करता। तुम बेरोजगार हो। तुम्हारा अधिकार न तो सुझाव देना है और ना नौकरी के लिए मंत्री के पास जाना…..तुमने थोड़े मुख्यमंत्री बनाया मुझे।