नई दिल्ली: बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड की वैधानिकता को लेकर महत्वपूर्ण फैलसा सुनाया है। लंबे समय से बहस का मुद्दा बने आधार कार्ड की वैधानिकता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, बैंक खाता खोलने के लिए अब आधार जरूरी नहीं है। साथ ही कहा कि, सीबीएसई, एनईईटी, स्कूल में दाखिले के लिए आधार को अनिवार्य बनाने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा प्राइवेट कंपनियां आधार की मांग नहीं कर सकती हैं। इसके आलावा आधार को बैंक और मोबाइल नंबर से लिंक करने की अनिवार्यता को भी सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया है।
बता दें कि, आधार की अनिवार्यता को 31 याचिकाओं के जरिए चुनौती दी गई थी, जिस पर पर करीब चार महीने तक बहस चलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। इससे पहले सरकार ने सोशल वेलफेयर स्कीम्स का लाभ उठाने, बैंक अकाउंट खोलने, पैन कार्ड बनवाने, मोबाइल सिम, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस आदि बनवाने के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया था।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि सर्वश्रेष्ठ होने के मुकाबले अनोखा होना बेहतर है। संविधान पीठ ने 38 दिनों तक चली लंबी सुनवाई के बाद 10 मई को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पर कुल 31 याचिकाएं दायर की गयी थीं। सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिकता को बरकरार रखा है।